राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : विधायक का करिश्मा
05-Mar-2025 3:21 PM
राजपथ-जनपथ : विधायक का करिश्मा

विधायक का करिश्मा 

रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा के अंदरखाने में घमासान मचा हुआ है। यहां भाजपा के एक विधायक अपनी पसंद का अध्यक्ष बनवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। चर्चा है कि विधायक ने अपने करीबी तीन जिला पंचायत सदस्यों को फुर्र करा दिया है। विधायक महोदय के तेवर देखकर भाजपा के रणनीतिकार हैरान हैं। कांग्रेस के लोग भाजपा विधायक की पैंतरेबाजी पर नजर रखे हुए हैं, और अपनी संभावनाएं टटोल रहे हैं। सुनते हैं कि भाजपा के रणनीतिकार किसी भी दशा में विधायक के पसंदीदा सदस्य को अध्यक्ष प्रत्याशी बनाने के पक्ष में नहीं है। पार्टी के रणनीतिकार पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष को अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाना चाहते हैं। अगर विधायक नहीं माने, तो रायपुर जिला पंचायत में भाजपा की राह कठिन हो जाएगी।  हालांकि रायपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की तिथि  आगे बढ़ा दी गई है। यह चुनाव अब 12 तारीख को होगा। फिलहाल तो पार्टी के लोग विधायक को समझाने में लगे हैं। देखना है आगे क्या होता है।'

सूत न कपास, जुलाहों ....'

चर्चा है कि करीब 14 महीने की देरी से जारी होने जा रही निगम मंडलों में नियुक्ति की सूची एक बार फिर अटक गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि कई दिग्गजों को ओवरटेक कर  जो 8-10 नाम तय किए थे उसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। कुछ नाम मीडिया में लीक भी हो गए थे।

सुनते हैं कि निगम मंडलों के लिए जिन नामों की चर्चा रही है उनमें से कुछ ने विधानसभा चुनाव में जीतने की उम्मीद छोड़ दी थी। और इन नेताओं ने नवम्बर-दिसंबर 23 में अपने को चुनावी काम से दूर रखा। बाद में इनमें से एक को सदस्यता अभियान की जिम्मेदारी, दो महामंत्री बन गए, दो निकाय पंचायत चुनाव प्रभारी, एक को दक्षिण उपचुनाव और वार्ड चुनाव का बीड़ा दिया गया।

जैसे ही सूची लीक हुई ,हाईकमान को ई मेल, फेसबुक पोस्ट की कतारें लग गई। जाहिर इसमें किसी ने भी खुशी तो जताई नहीं होगी, मीन-मेख,शिकायत,नाराजगी का पुलिंदा ही भेजा गया। शिकायतों का असर यह हुआ कि सूची फिलहाल रोक दी गई है।

पूजा-पाठ, या जादू-टोना?

हिन्दुस्तान में दूसरे लोगों के घरों के सामने जादू-टोना करके कुछ सामान रख देने का बड़ा चलन है। अभी इस अखबारनवीस के घर के सामने रात में ऐसा एक टोकरा छोड़ दिया गया जिसमें किनारे-किनारे रोटी या पापड़ सजाए गए थे, भीतर केले और फूल सजे थे। कुल मिलाकर एक कैमरे के लिए खूबसूरत नजारा था। अब ऐसा सुन्दर टोकरा अपने घर के आंगन में रखने के बजाय इस पत्रकार के घर के सामने रखकर जाने का क्या मतलब था? अब तक तो इससे कुछ बुरा भी नहीं हो पाया है, और सच तो यह है कि रखने वालों का कोई भला भी नहीं हुआ होगा। अगर जादू-टोने या पूजापाठ से किसी का भला-बुरा होना रहता, तो लोगों को मेहनत का काम ही क्यों करना पड़ता, महज हरामखोरी से जिंदगी चल जाती। 

बिजली बचाने की नई तरकीब !

साल 2014 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल का बंगला सुर्खियों में आ गया था, जब लोगों ने देखा कि वहां कुल 48 एसी लगे हुए थे। यहां तक कि बाथरूम और टॉयलेट में भी! अभी नया रायपुर में मंत्रियों के भव्य बंगले और सरकारी दफ्तरों की चमचमाती वातानुकूलित व्यवस्था देख लें, तो भी आंखें चौंधिया जाएं।

हालत यह है कि आए दिन खबरें आती हैं कि किसी विभाग का करोड़ों रुपये का बिजली बिल बकाया है और वसूली के लिए नोटिस भेजी जा रही है। उधर, नया रायपुर से लेकर जिलों के कई सरकारी दफ्तरों में अफसरों के चेंबर में वे मौजूद हों या न हों, एसी पूरे दिन चलता रहता है, ताकि साहब जब भी आएं, कमरा ठंडा मिले। सरकारी गाडिय़ां भी एसी के साथ स्टार्ट मोड पर खड़ी रहती हैं।

ऐसी हालत में, मध्य प्रदेश में वहां के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ऐलान किया है कि वे अगले एक साल तक बिना प्रेस किए कपड़े पहनेंगे, क्योंकि एक कपड़े को प्रेस करने में आधी यूनिट बिजली खर्च होती है और इससे प्रदूषण भी बढ़ता है। सवाल यह है कि क्या सिर्फ इस्त्री न करने से बिजली बच जाएगी?

मंत्रियों के ऑफिस और बंगलों में लगे एसी, सरकारी गाडिय़ों के लंबे काफिले, बड़े सरकारी आयोजनों में जलती हाई-वोल्टेज लाइटें और गरजते लाउडस्पीकर क्या बिजली- ईंधन खर्च नहीं करते? मगर मंत्री ने एक आसान समाधान रख दिया। अच्छा है कि छत्तीसगढ़ में प्रचार पाने के मकसद से किसी ने इस तरह का फालतू ऐलान नहीं किया। अपने यहां के जंगलों में खूब कोयला है, नदियों में पानी है, सरप्लस बिजली है। और, जब तक ये सब खत्म नहीं हो जाते, शायद नहीं सोचा जाएगा।

सिलेंडर खुली गाड़ी में

रायपुर-दुर्ग के बीच व्यस्ततम हाईवे में यातायात पुलिस मुस्तैद रहती है। मगर कई बार ऐसा लगता है कि वह सिर्फ जुर्माना वसूलने के लिए खड़ी रहती है, सुरक्षित परिवहन पर नजर रखने के लिए नहीं। अब इसी दृश्य को देखें। कमर्शियल गैस सिलेंडर को एक खुले ट्रक में ढोया जा रहा है। यदि सिलेंडर गिर जाए या ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो जाए, तो बड़ा हादसा हो सकता है।  ([email protected])

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