राजपथ - जनपथ
असली वजह सीएम को पता
जशपुर कलेक्टर रवि मित्तल को साय सरकार की छवि बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। मित्तल को आईजी रैंक के अफसर मयंक श्रीवास्तव की जगह जनसंपर्क आयुक्त बनाया गया है। मयंक को 9 महीने में ही बदल दिया गया। इससे परे रवि मित्तल ने जशपुर में कई बेहतर काम किए हैं। उनके प्रयासों से जशपुर का मयाली डैम एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो चुका है।
सीएम विष्णुदेव साय ने सरगुजा प्राधिकरण की पहली बैठक कल मंगलवार को मयाली में ली थी। सीएम, और प्राधिकरण के सदस्य मयाली पहुंचे, और वहां बोटिंग भी की। थोड़े समय में प्रदेश के सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में मयाली की पहचान बन गई है। इसमें रवि मित्तल की भूमिका अहम रही है। सीएम, और प्राधिकरण के सदस्यों ने मयाली के विकास कार्यों की काफी तारीफ भी की। और फिर रायपुर पहुंचते ही सीएम ने रवि मित्तल को जनसंपर्क आयुक्त का दायित्व सौंपकर सरकार की साख बनाने का अहम जिम्मा सौंप दिया।
मयंक श्रीवास्तव को कुल 9 महीने में हटाने की असली वजह सीएम को ही पता होगी, लेकिन लोगों का क्या है, लोगों का काम है कहना, समझदार का काम है किसी बात पे भरोसा न करना।
बाकी का हिसाब-किताब
प्रशासनिक फेरबदल के कुछ और अफसर प्रभावित हुए हैं। इनमें से वर्ष-2013 बैच के अफसर जगदीश सोनकर, और कुमार विश्वरंजन भी हैं। जगदीश सोनकर स्वास्थ्य मिशन में एमडी थे। जबकि कुमार विश्वरंजन जिला पंचायत सीईओ दंतेवाड़ा के पद पर रहे हैं। दोनों को हटाकर मंत्रालय में पोस्टिंग तो कर दी गई है, लेकिन कोई विभाग नहीं दिया गया है।
दूसरी तरफ, सचिव स्तर के अफसर नीलम नामदेव एक्का पिछले दो महीने से बिना विभाग के मंत्रालय में हैं। एक्का बिलासपुर कमिश्नर के पद पर थे, और फिर उन्हें हटाकर मंत्रालय में पदस्थ किया गया। इसके बाद से खाली बैठे हैं। हालांकि इससे पहले भी कई अफसरों को पोस्टिंग के लिए महीने भर इंतजार करना पड़ा है। मगर नीलम नामदेव एक्का का इंतजार थोड़ा लंबा हो गया है। देखना है कि एक्का, और बाकी दोनों अफसरों को कब तक पोस्टिंग मिलती है।
दक्षिण और कांग्रेस
आखिरकार प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा को रायपुर दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी बना दिया गया है। पार्टी के भीतर एक सहमति बन गई थी कि किसी ब्राह्मण चेहरा को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा। कई नामों पर चर्चा के बाद नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे और आकाश शर्मा ही रेस में बाकी रह गए थे।
प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने साफ तौर पर किसी नए चेहरे को टिकट देने की वकालत की थी, और उन्होंने आकाश शर्मा का नाम सुझाया था। प्रमोद दुबे के खिलाफ एक गई कि लोकसभा चुनाव में सुनील सोनी के मुकाबले हार का अंतर काफी बड़ा था। सुनील सोनी को 60.01 फीसदी वोट मिले थे, जबकि प्रमोद दुबे को 35.07 फीसदी वोट मिले।
लोकसभा चुनाव में मोदी लहर की तर्कों से हाईकमान सहमत नहीं दिखा। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने भी आकाश के नाम की वकालत की, और फिर पार्टी ने इस पर मुहर लगा दी। आकाश कांग्रेस के उत्तरप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिव राजेश तिवारी के दामाद हैं। गौर करने लायक बात यह है कि आकाश एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं, और इसी एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष और महासचिव सूरजपुर में दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी हैं। खास बात यह है कि कन्हैया अग्रवाल पिछले चुनावों में सबसे कम वोटों से हारने वाले प्रत्याशी थे, लेकिन पार्टी ने उनकी भी दावेदारी को नजरअंदाज कर दिया। अब टिकट से वंचित प्रत्याशियों का फेसबुक पर दर्द झलका है। कन्हैया ने लिखा कि द्वंद कहां तक पाला जाए, युद्ध कहां तक टाला जाए, तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहाँ तक भाला जाए..। प्रमोद दुबे ने लिखा कि न पाने की चिंता न खोने का डर है, जिंदगी का सफर, अब सुहाना सफर है। दोनों का क्या रुख रहता है यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।
आसान होगा सट्टा किंग को भारत लाना ?
महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिये 6000 करोड़ रुपये के मनी लॉंड्रिंग और फ्रॉड के आरोपी सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार तो कर लिया गया है लेकिन भारत लाने का काम कम पेचीदा नहीं है। यह कहा जा रहा है कि उसे बहुत जल्द भारत लाया जाएगा लेकिन इसकी प्रक्रिया ढेर सारी है। चंद्राकर को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से किए गए अनुरोध के बाद इंटरपोल की तरफ से जारी वारंट के तहत गिरफ्तारी की गई है पर इसे सीधे ईडी को सौंपा नहीं जाएगा। भारत सरकार को अपने राजनयिक के माध्यम से यूएई से प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जाना है। ईडी सीधे यह अनुरोध नहीं कर सकती। फिर यह मामला वहां की अदालत को देखना है कि उसे प्रत्यर्पण की मांग उचित लगता है या नहीं। अदालत के संतुष्ट होने के बाद भी अंतिम फैसला सरकार लेगी। भारत और यूएई के बीच प्रत्यर्पण संधि है, जिसके तहत वे अपराधियों को उस देश में सौंप सकते हैं, जहां अपराध किया गया है। यहां तक कि 2011 में किए गए समझौते के तहत दोनों देश सजायाफ्ता कैदियों को सौंप सकते हैं, बशर्ते उसके खिलाफ अन्य कोई मामला लंबित न हो। अब तक जो खबर है कि उसके मुताबिक यूएई सरकार के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए सौरभ चंद्राकर व पूरे केस का अंग्रेजी और अरबी में अनुवाद किया जा रहा है। ये दस्तावेज भी गृह मंत्रालय के माध्यम से जमा किए जाएंगे। अभी तक यह खबर नहीं है कि क्या ये दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिल गए और यूएई को सौंप दिए गए? लोग तो यह भी दावा कर रहे हैं कि यदि प्रक्रिया में देर हुई तो सौरभ चंद्राकर जमानत के लिए भी अर्जी लगा सकता है। भारत के दुनिया के 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है। इनमें से एक ब्रिटेन भी हैं। प्रत्यर्पण संधि होने के बावजूद नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी को वहां शरण मिली हुई है। कुछ के बारे में कहा जा चुका है कि वे ब्रिटेन भी छोड़ चुके हैं। भारत में भगौड़ा घोषित होने के बावजूद ब्रिटेन ने उन्हें जाने दिया। सौरभ चंद्राकर जितना बड़ा सट्टे का साम्राज्य खड़ा कर चुका है, कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि वह भी भारत आने से बचने के लिए ऐसे पैतरें आजमाए।
एसी का कंबल कितना साफ?
रेलवे के वातानुकूलित डिब्बों में यात्रियों को ऊनी कंबल दिए जाते हैं। एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने बताया है कि ये कंबल महीने में केवल एक बार धुलवाये जाते हैं। हालांकि इस जवाब में यह भी दावा किया गया है कि चादर और तकिये का कव्हर हर बार इस्तेमाल के बाद धोया जाता है। जो एसी बर्थ साफ-सुथरा दिखाई देते हैं उनमें रेलवे ऐसे कंबल यात्रियों को दे रही है जो 15-20 या उसके अधिक बार किसी दूसरे यात्री के काम आ चुका है। यदि आपको अपनी सेहत और स्वच्छता की चिंता है तो या तो अपने साथ कंबल लेकर जाएं या फिर सिर्फ चादर ओढक़र ठंड बर्दाश्त करने की हिम्मत रखें।