सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 24 सितंबर। प्रदेश के वित्त मंत्री और विधायक रायगढ़ ओपी चौधरी ने मंगलवार को सरिया क्षेत्र में दौरे के दौरान बाढ़ प्रभावित गांवों की आवश्यकताओं को देखते हुए सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक के ग्राम सुरसी में 30 लाख रुपए की लागत से बाढ़ आपदा राहत भवन, ग्राम सुरसी में 13 लाख रुपए की लागत से शेड निर्माण और ग्राम पंचधार में 10 लाख रुपए की लागत से शेड निर्माण का भूमिपूजन किया। बाढ़ आपदा, राहत और प्रबंधन हेतु महानदी में बाढ़ की स्थिति से निपटने और प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए यह भवन कारगार सिद्ध होगा। इस भूमिपूजन के साथ ही ग्रामीणों को प्राकृतिक आपदा के समय राहत और सहूलियत का मजबूत आधार मिलेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह भवन और शेड सिर्फ इमारतें नहीं बल्कि आप सबके जीवन को सुरक्षित रखने का संकल्प है। प्रदेश सरकार हर आपदा में आपके साथ है और विकास की गंगा अब गांव-गांव तक बहेगी। मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि क्षेत्र मे लगातार विकास कि गंगा बह रही है। सरिया मे उप पंजीयक (रजिस्ट्री) कार्यालय खुल गया है और जिला अस्पताल के बराबर सरिया में 100 बिस्तर का अस्पताल की स्वीकृति दिया गया है। हम किसी से एक रुपया कमीशन नहीं ले रहे हैं और हम सरपंचो को बिना कमीशन के कार्य दे रहे हैं। काम की गुणवत्ता सही होनी चाहिए।
महानदी किनारे बसे गांवों के इन क्षेत्रों में हर साल बाढ़ की समस्या से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राहत भवन और शेड निर्माण से आपदा प्रबंधन की स्थिति बेहतर होगी और प्रभावित परिवारों को तात्कालिक ठहराव, सहायता वितरण व बचाव कार्य में काफी सुविधा मिलेगी। इस अवसर पर ग्रामीणों ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी का धन्यवाद ज्ञापित किया। ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से क्षेत्र में इस तरह की सुविधा की जरूरत महसूस हो रही थी, जिसे वित्त मंत्री ने पूरा कर दिया है। इससे पूरे अंचल में खुशी और उत्साह का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे बाढ़ जैसी आपदा के समय बेघर या असहाय महसूस नहीं करेंगे। यह पहल न केवल सरिया क्षेत्र बल्कि आसपास के गांवों के लिए भी राहत का संदेश लेकर आई है।
इस अवसर पर जिपं अध्यक्ष संजय भूषण पांडेय, उपाध्यक्ष अजय नायक, सदस्य सरिता नायक, अध्यक्ष जनपद पंचायत बरमकेला विद्या चौहान, जगन्नाथ पाणिग्राही, स्वप्निल स्वर्णकार, सरपंच आरती देहरी, पंचगण सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।


