सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 13 नवंबर। नगर के गोपाल जी मंदिर छोटे मठ में सुबह से आंवला पर्व को लेकर केशरवानी महिला समिति द्वारा धार्मिक आयोजन किया गया। समाज की महिलाओं ने बड़ी संख्या में आंवला पेड़ की पूजा की आंवला को औषधि युक्त पेड़ माना जाता है, साथ ही इसमें मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु का वास बताया गया है। गोपाल जी मंदिर छोटे मठ के महंत द्वारा विधि विधान से पूजा करवाई। तदुपरांत महा भंडारा की व्यवस्था केसरवानी महिला समिति द्वारा करवाई गई। इस दौरान नीतू केसरवानी, संध्या केसरवानी अनु केसरवानी, पूर्णिमा केसरवानी, अलका केसरवानी, मंजू केसरवानी, समृद्धि केसरवानी के साथ ही साथ केशरवानी समाज की महिला पुरुष, युवा युवती और बच्चे उपस्थित रहे, साथ ही साथ सर्व समाज के लोग भी इस भंडारा में महाप्रसाद प्राप्त किए।
नीतू केसरवानी ने बताया कि हिंदू धर्म में आंवला नवमी का त्योहार बेहद खास है। इस दिन वाला पेड़ के नीचे बना भोजन ग्रहण करने से शरीर के अनेक रोगों का नाश होता है। उनका कहना यह भी था कि आंवला के पेड़ में लक्ष्मीनारायण के अलावा और अन्य देवताओं का वास माना गया है। इस दिन आंवला पेड़ के नीचे भोजन पकाकर उसे ग्रहण करने से शरीर के अनेक रोग स्वत ही खत्म हो जाते हैं।
अलका के शेरवानी ने बताया कि आंवला की पहचान सर्वश्रेष्ठ औषधि के रूप में की जाती है पुरानी मान्यता के अनुसार वाला पेड़ के नीचे पूजा पाठ करना स्वास्थ्य कम से जोडक़र देखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाने वाला यह पर्व कक्षा नवमी के नाम से भी जाना जाता है, यही कारण है कि इसकी महिलाएं संतान प्राप्ति एवं उनके मंगल कामना के लिए वाला पेड़ की पूजा कर वहां का भोजन ग्रहण करती है। इस दिन हरि हर और लक्ष्मी के साथ ही साथ अन्य देवी देवता इस देव पेड़ में रहते हैं। केशरवानी महिला समिति कार्तिक मास प्रारंभ होते ही गोपाल मंदिर छोटे मठ में अखंड ज्योत जला रही है।


