सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़ डोंगरीपाली, 10 नवंबर। जिले के कोठी खोल क्षेत्र में गैर आदिवासी द्वारा आदिवासियों की जमीन की खरीद-फरोख्त करने का षड्यंत्र भूमाफिया द्वारा फिर से किया जा रहा है। सन 2008-से 12 के बीच में डोंगरीपाली क्षेत्र के ग्राम कोक बहाल, पतेरा पाली, झाल, आमापाली, जामदलखा, कदलीसरार, बेहराबहाल, सोनबला, डुमरपाली, भालूपानी, रंगाडीह, घोघरा, धौरादरहा जैसे कई गांवों में सरकारी आबंटन जमीन, कोटवारी जमीन, डूबान जमीन एवं आदिवासी जमीन को सौ एकड़ से भी ज्यादा को भू-माफिया द्वारा फर्जी तरीके से जाति कोंध अजजा को कोद बताकर गैर अनुसूचित जाति बनाया गया और रायपुर, रायगढ़ के उद्योगपति के नाम खरीदी बिक्री कराया गया है। जबकि कोंध व कोद, एक ही जाति हैं, जो अजजा में आते हैं। गैर अजा के जमीन को फर्जी तरीके से दूसरे महिलाओं को रजिस्टार में खड़ा कराकर जमीन रजिस्ट्री करा लिया गया है एवं एक ही जमीन को कई बार बेचने का कारोबार जोरों से चल रही है। जमीन हड़पने के लिए बड़ा गिरोह भू-माफियाओं के साथ मिल कर बेधडक़ खरीद फरोख्त कर रहा है।
छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा 165 के मुताबिक किसी भी आदिवासी भू-स्वामी की जमीन खरीदने हेतु जिला कलेक्टर की अनुमति आवश्यक है, लेकिन इस मामले में इस कानून का भी व्यापक रूप से उल्लंघन हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बरमकेला तहसील के अंतर्गत ग्राम घोघरा के कोटवारी जमीन को कलेक्टर की बिना अनुमति से बेंज दिया गया है यह भू-माफिया सरकार को भी चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।


