सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 29 नवंबर। अनु. अधिकारी रा. मोनिका वर्मा ने किसानों से खेतों में धान पराली ना जलाने और गोठान में पैरा दान करने की अपील की है। वर्माजी ने इसके उद्देश्य को बताते हुए कहीं कि पर्यावरण सुरक्षा और गोवंश के चारे की व्यवस्था को बनाए रखना है।
किसानों में जन जागरूकता प्रचार-प्रसार के लिए गांव के चौकीदारों को निर्देशित किया गया है कि धान की पराली नहीं जलाने से पर्यावरण सुरक्षा और गोवंश के चारे की व्यवस्था होगी। किसानों में पराली जागरूकता प्रचार प्रसार हो सके, गोवंश के चारे की व्यवस्था के लिए गोठान में पैरा दान करने की अपील करते हुए श्रीमती वर्मा ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए खेतों में धान पराली ना जलाने का सुझाव दी।
धान के बाद रवि फसलों के लिए धान पराली न जलाने की अहम बातें उनके द्वारा कही गई। एसडीएम ने जिला कलेक्टर डॉ. सिद्दकी के निर्देश का परिपालन करते हुए कृषकों से अपील की कि पैरा जलने से पर्यावरण को हानि होती है और इससे भूमि की ऊर्जा क्षमता कम होती है। पराली जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण का खतरा गांव में पशुओं के लिए चारा आपूर्ति की समस्या, विभिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना कर रहे शहरों का ज्वलंत उदाहरण धान पराली जलाने के कारण शहरों में गंभीर समस्याएं बढ़ रही हैं जैसे कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में दिखाई गई है। किसान धान पराली जलाते हुए पाए जाते हैं तो कानूनी कार्रवाई होगी। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए किसान धान पराली न जला कर उसे गोठान में दान करें।


