राजपथ - जनपथ

ऑनलाइन मर्डर के सामान
छत्तीसगढ़ पुलिस करे भी तो क्या, फ्लिपकार्ट, अमेजान वालों को चि_ी लिखकर कहा कि चाकू क्यों भेजते हो। बंद करो। मगर इन लोगों ने कहा कि हम तो चाकू बकरा, मुर्गी काटने के लिये भेजते हैं। कोई रूल रेगुलेशन केंद्र सरकार तय करेगी तो बंद कर देंगे। जो भी सामान हम भेज रहे हैं वे सब सर्टिफाइड है। चाकुओं का इस्तेमाल अगर कोई लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिये करते हैं तो उस पर हमारी जवाबदारी नहीं। राजनांदगांव में पुलिस ने अभियान चलाकर कल 72 घातक चाकुओं को जब्त किया। सामान मंगाने वालों की लिस्ट देखकर सबको पकड़ लिया। इस लिस्ट में कई नाम लड़कियों के हैं। हो सकता है कोई एक दो क्राइम से जुड़ी हों, पर हो सकता है कि ज्यादातर ने आत्मरक्षा के लिये मंगाया हो। महिला सुरक्षा के लिये दिये गये तमाम हेल्पलाइन नंबरों, महिला पुलिस की रक्षा टीम क्या कर रही है? क्यों लड़कियों को इसकी जरूरत पड़ रही है?
बांस के कितने फायदे..
कंधे पर उठाये हुए इस सामान को क्या कहते हैं? भाषा विज्ञों से पूछें तो चट्टा कहेंगे। यह तस्वीर बस्तर के एक गांव की है। गौर से देखें तो इसमें परंपरा और परिवर्तन की बहुत की कई खूबियां दिख सकती हैं। एक- हाथ में जो नॉयलोन का थैला है वह कोलकाता से बनकर आता है। जिस रास्ते पर ग्रामीण चल रहा है वह न सीएम न पीएम सडक़ योजना में शामिल है, मगर पैदल सडक़ नाप कर भी चलने वाला खुश है। पास के किसी हाट से उसने जो चट्टा खरीदा उसके कई काम हैं। इसे बिछा दें तो सोते हुए गर्माहट महसूस कर सकते हैं। शादी-ब्याह में मड़वा का घेरा बना सकते हैं। वेग के साथ बारिश हो तो मिट्टी की दीवार के आगे सटाकर घर बचा सकते हैं। छत्तीसगढ़ के जंगलों में घूमने पर पता चल सकता है कि वहां बांस की कीमत और अहमियत क्या है।