राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ के बारे में शंका-समाधान
आदिवासी नृत्य महोत्सव में आये हुए अतिथियों को क्या-क्या समझने का मौका मिला? एक तो यह कि यह छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश का हिस्सा नहीं है। यह अलग प्रदेश है। दूसरा यह कि रायपुर शहर झारखंड में नहीं है। वहां की राजधानी तो रांची है। तीसरा छत्तीसगढ़ ऐसा इलाका नहीं है जो चारों तरफ जंगल और नक्सलियों से घिरा हुआ है। यहां स्टील और पावर के बड़े-बड़े प्लांट भी हैं। चौथा, राज्य का नाम छत्तीसगढ़ है, चतिसगढ़ या चंडीगढ़ नहीं।
सवाल जीते हुए विधायकों का...
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने सारे सांसदों के टिकट काट दिये थे। अभिषेक सिंह, रमेश बैस जैसे नेताओं की टिकट कटने पर तो काफी हैरानी भी लोगों को हुई, पर फॉर्मूला सफल रहा। अब अगले विधानसभा चुनाव के लिये नामों पर विचार शुरू हो चुका है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ 15 पर सिमट गई थी। भीमा मंडावी के निधन के बाद खाली हुई दंतेवाड़ा सीट में वह उप चुनाव जीत नहीं पाई तो अब केवल 14 विधायक हैं। हारे हुए विधायकों को टिकट मिलेगी या नहीं, पिछली बार जिन नये चेहरों को विफलता हाथ लगी यह तो दूसरे नंबर का सवाल है, पहला सवाल यह है कि क्या कठिन चुनौती के बीच जिन 14 लोगों ने जीत हासिल की थी, उनकी टिकट भी काटी जा सकती है?
यह है एसी डिब्बों का हाल
दुर्ग से अजमेर रवाना हुई ट्रेन की एसी सेकण्ड और फर्स्ट क्लास की बोगियों में पूरे रास्ते सफाई के लिये आज कोई अटेण्टेंट ही नहीं पहुंचा। गंदगी पसरी हुई थी। जब भारी-भरकम किराये वाले डिब्बों का यह हाल है तो सेकंड स्लीपर क्लास और जनरल डिब्बों का क्या हाल होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है। स्वच्छता के नाम पर सदैव सतर्क होने का दावा करने वाली रेलवे ने स्पेशल के नाम पर ट्रेनों का किराया तो मनमाना बढ़ा दिया, पर कोरोना के नाम पर अब तक यात्रियों की जरूरी सेवायें बंद रखी गई है। दुर्ग-अजमेर ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री ने आज डीआरएम कोटा को ट्वीट कर सफाई न होने के लिये जिम्मेदार स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। डीआरएम ने जवाब दिया, व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। पता नहीं, हुई या नहीं।