राजपथ - जनपथ

खाई और चौड़ी हो गई...
खबर है कि सरगुजा के दो भाजपाई दिग्गज रेणुका सिंह, और रामविचार नेताम के बीच जंग छिड़ गई है। बताते हैं कि सीतापुर ब्लॉक में एल्युमिनियम प्लांट लग रहा है। प्लांट के मालिक सुनील अग्रवाल, रामविचार के करीबी माने जाते हैं। प्लांट की स्थापना का अमरजीत भगत भी समर्थन कर रहे हैं। मगर स्थानीय लोग विरोध में उतरे, तो उन्हें रेणुका सिंह का साथ मिल गया।
और जब केन्द्रीय मंत्री विरोध पर आ जाए, तो स्वाभाविक है कि शासन-प्रशासन पर दबाव बन जाता है। चर्चा है कि रेणुका सिंह ने प्लांट विरोधियों से न सिर्फ मुलाकात की है बल्कि उन्हें अपना समर्थन दे दिया है। रेणुका के तेवर से रामविचार समर्थक हड़बड़ाए हुए हैं। वैसे तो रामविचार, और रेणुका के बीच पहले से ही खटपट चल रही है। लेकिन अब प्लांट स्थापना के विवाद में रेणुका के सीधे कूद जाने से खाई और चौड़ी हो गई है।
ऐसी सामाजिक समरसता !
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र में अभी जंगल में टैंट लगाकर जुआ खेलते हुए एक दर्जन लोग पकड़ाए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इन नामों में आधा दर्जन मुस्लिम थे, और आधा दर्जन हिंदू। हिंदुओं के नाम भी देखें तो उसमें कम से कम एक आदिवासी, एक अनुसूचित जाति, एक ओबीसी और एक ब्राह्मण नाम दिख रहा है। मतलब यह कि जुर्म के मामले में हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई तो हैं ही, हिंदुओं के भीतर भी सभी जातियों के लोग लोगों का प्रतिनिधित्व है। मुस्तफा, पांडे, खान, मंडावी, खान, निषाद, शेख, सेन, खान, शैलेन्द्र, हमीर, और यादव को जुआ खेलते गिरफ्तार किया है। ऐसी सामाजिक समरसता किसी नेक काम में कभी नहीं दिखेगी !
प्रमोशन की सूची गड़बड़ाई..
प्रमुख अभियंता के एक आदेश से लोक निर्माण विभाग में इन दिनों बवाल मचा हुआ है। उन्होंने दैनिक वेतनभोगी के रूप में सेवा में आने वालों को भी पहले ही दिन से वरिष्ठता देने का फरमान जारी किया है। इसके चलते करीब 25-27 साल से विभाग में नियमित काम कर चुके सब इंजीनियर्स की सीनियर्टी खतरे में पड़ गई है। अभी प्रदेशभर के पीडब्ल्यूडी सब-इंजीनियर्स को प्रमोशन मिलना है- ईएनसी के आदेश से सब गड्ड-मड्ड हो चुका है। कहा जा रहा है अब फैसला मंत्री ताम्रध्वज साहू करेंगे।
करम बर्दाश्त क्यों किये जा रहे?
जमकर पढ़ाई करो, आईएएस या आईपीएस बन जाओ। न देश दुनिया की समझ, न अपने आसपास के लोगों के साथ संवेदना के साथ बर्ताव। महासमुंद के विधायक रहे विमल चोपड़ा को चोटें इतनी मारक लगी कि वे सुप्रीम कोर्ट से उनके खिलाफ एफआईआर का आदेश ले आये। ऐसे अफसर भी देवदूत की तरह एक जिले के पुलिस प्रधान बनकर बैठे थे। रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर में इन्होंने किस तमीज के साथ वृद्धों, पत्रकारों, समाजसेवियों से बर्ताव किया है- यह एक सर्च करिये गूगल पर मिल जायेगा। अब नारायणपुर जिला, जहां वे कल तक एसपी थे वहां, जैसा कहा गया है उन्होंने अपने ड्राइवर को ही पीट दिया, गाड़ी की ठीक धुलाई नहीं की थी। अच्छा हुआ कि राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लिया और उनको हटाकर पुलिस मुख्यालय भेज दिया। अब इतनी ही अपेक्षा हो सकती है कि उदय किरण आगे सबक लें, ऐसी ख़बरें न आयें, कुछ अच्छे कामों के लिये जाने जायें।
किस बात की स्पेशल
रेलवे के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था कि 22 मार्च 2020 से 1 मई 2020 तक करीब 40 दिन ट्रेनों का परिचालन बंद रहा। 1 मई को चालू की गई तो रेल मंत्रालय ने पैसा मांगा, चारों तरफ निंदा होने के बाद उन्होंने मजदूरों को मुफ्त घर पहुंचाने की घोषणा की। राज्यों का दावा है कि किराया रेलवे ने नहीं, हमने भरा। उसकी वसूली अब तक हो रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या 109 हैं। कोरोना काल के बाद अब तक 101 ट्रेनों को चालू किया जा चुका है। यानि कुछ को छोडक़र लगभग सभी। पर सब स्पेशल के नाम पर चल रही है। स्पेशल नाम से ऐसा बिल्कुल नहीं है कि यात्रियों का खास ख्याल रखा जाता है। पूजा की अवधि निकल जाती है पर रेलवे की पूजा स्पेशल चलती रहती है। स्पेशल के नाम पर किस तरह यात्री ठगे जा रहे हैं इसका अंदाजा सिर्फ रायपुर से रायगढ़ का किराया जान लीजिये, पहले यह जनरल डिब्बे में 65 रुपये था अब 195 रुपये है। छत्तीसगढ़ के 11 में 9 सांसद भाजपा के हैं, सब चुप हैं। लोग भी आवाज नहीं उठा रहे हैं। शायद सबको खुशी है कि राम मंदिर बन रहा है, देश को मोदी नहीं बचायेंगे तो और कौन बचायेगा।