राजपथ - जनपथ
बाबा आए हैं तो आपके खर्चे पर
बाबा बागेश्वर धाम के एक इंस्टाग्राम पेज में बताया गया है कि 25 दिसंबर को महाराज जी हवाई मार्ग से रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर उतरे। जनप्रतिनिधियों ने ढोल, नगाड़ों और पुष्पवर्षा से उनका स्वागत किया। जानकारी साझा की गई वे मिनी इंडिया कहे जाने वाले दुर्ग-भिलाईवासियों को अगले 5 दिन तक हनुमंत कथा सुनाएं। एक दिन ‘दिव्य दरबार’ लगाएंगे। यह भी बताया गया है कि इस दौरान उनका स्वागत करने वालों में कई भाजपा नेता शामिल थे, जिनमें भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे और छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब भी शामिल थे..। यहीं पर इस सूचना में थोड़ी गड़बड़ी दिख रही है। मंत्री खुशवंत सिंह का 24 दिसंबर को अधिकारिक तौर पर जारी दौरा कार्यक्रम बताता है कि वे 25 दिसंबर को सुबह स्टेट प्लेन से सतना गए और बाबा बागेश्वर धाम उर्फ धीरेंद्र शास्त्री को लेकर वापस लौटे। साझा चित्र भी यही बताता है कि धीरेंद्र शास्त्री स्टेट प्लेन से ही आए हैं। उनके साथ ही तो मंत्री भी आए। साफ-साफ नहीं लिखा गया कि राज्य सरकार का विमान धीरेंद्र शास्त्री को लेने के लिए भेजा गया। खाली शासकीय विमान भेजकर शास्त्री को लाया नहीं जा सकता है। इसकी पात्रता वे नहीं रखते। इसलिये मंत्री जी ने व्यस्त समय निकाला और उन्हें लेने के लिए सतना पहुंचे। आभार प्रगट करना तो बनता है। इस बारे में कोई बात ही पोस्ट में नहीं है। अब, सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि राज्य की जनता के टैक्स और संसाधन को बाबा को लाने में बर्बाद किया जा रहा है।
प्रमोशन नए साल में?

अगले कुछ दिनों में आईपीएस अफसरों की प्रमोशन लिस्ट जारी हो सकती है। इनमें डीआईजी से आईजी, और एसएसपी से डीआईजी की प्रमोशन लिस्ट है। ये सारे अफसर एक जनवरी से प्रमोट होंगे।
आईपीएस के वर्ष-2008 बैच के अफसर, जो वर्तमान में डीआईजी के पद पर हैं। ये सभी एक जनवरी से आईजी के पद पर प्रमोट हो सकते हैं। प्रमोशन लिस्ट में सुश्री पारूल माथुर, प्रशांत कुमार अग्रवाल, नीथू कमल, डी श्रवण, मिलना कुर्रे, और कमलोचन कश्यप का नाम शामिल है। डी श्रवण और नीथू कमल केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। कमलोचन कश्यप 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में कमलोचन कश्यप प्रमोट हो पाएंगे या नहीं, इसको लेकर संशय है। इनके अलावा वर्ष-2012 बैच के आईपीएस बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह, जशपुर एसपी शशि मोहन सिंह, बेमेतरा एसपी रामकृष्ण साहू, और आशुतोष सिंह डीआईजी प्रमोट होंगे।
दूसरी तरफ, वर्ष-2013 बैच के अफसर एसएसपी के पद पर प्रमोट हो जाएंगे। इनमें जीतेन्द्र शुक्ला, मोहित गर्ग, अभिषेक पल्लव, और भोजराम पटेल है। इनमें से भोजराम पटेल ही मुंगेली एसपी के पद पर हैं। चर्चा है कि जनवरी में आईपीएस अफसरों की एक बड़ी ट्रांसफर लिस्ट निकल सकती है। रायपुर में पुलिस कमिश्नर की पोस्टिंग के साथ ही लिस्ट जारी होगी। रायपुर में कमिश्नर के अलावा दो एसएसपी स्तर के अफसर पोस्टेड होंगे। इन सबको देखते हुए पीएचक्यू में हलचल है।
अब मिलने में कुछ मुश्किल
छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी नितिन नबीन के पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद मेल मुलाकात आसान नहीं है। नबीन से मिलने देशभर से पार्टी के नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि नबीन का सबसे मिल पाना मुश्किल है। वो फिलहाल विधायक-सांसदों, और मंत्री का दर्जा प्राप्त निगम-मंडल के पदाधिकारियों से ही सीधे मुलाकात कर रहे हैं।
नबीन अगले दो-तीन महीने में पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष बन जाएंगे। इस वजह से देशभर के भाजपा के नेता उनसे मुलाकात के लिए लालायित हैं। छत्तीसगढ़ के कई नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए थे, लेकिन उन्हें मुलाकात के लिए समय नहीं मिल पाया। ये अलग बात है कि पार्टी के कई सांसद, और विधायक नबीन से मिल आए हैं। अब कुछ नेता अपने साथ विधायक को तैयार कर दिल्ली ले जा रहे हैं ताकि विधायक के साथ उनकी भी मुलाकात हो जाए। पार्टी के नेताओं को इसमें सफलता भी मिली है।
नबीन को पहले की तरह किसी से मुलाकात से परहेज नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद बधाई देने के लिए मुलाकातियों का तांता लगा है। देशभर से आ रही भीड़ को देखते हुए पार्टी कार्यालय ने उनसे मुलाकात के लिए नियम भी बना दिए हैं। चर्चा है कि नबीन जनवरी-फरवरी में छत्तीसगढ़ आ सकते हैं। उन्होंने एक-दो नेताओं को मुलाकात में संकेत भी दिए हैं। नबीन का पूरा ध्यान बंगाल के विधानसभा चुनाव पर है, और वो ज्यादा वक्त बंगाल में देंगे। कुल मिलाकर नबीन के कार्यकारी अध्यक्ष बनने से छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता काफी खुश हैं।
कंप्यूटर नहीं तो चश्मा भत्ता दे सरकार

राज्य सरकार के सौ से अधिक संगठनों वाले अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन 29 तारीख से हड़ताल पर जा रहा है। इसे टालने के लिए सरकार के समक्ष 11 मांगे रखीं गई हैं। इनमें से क?ई तो वर्षों, दशक भर पुरानी है। इससे इतर मंत्रालय कर्मचारी संघ के अहम घटक कहे जाने वाले अनुभाग अधिकारी भी काम बंद करने की तैयारी कर रहे हैं। मंत्रालयीन व्यवस्था अनुसार उनका अनुभाग अधिकारी बनने के बाद 500 कंप्यूटर भत्ता नहीं दिया जाता। इसके पीछे जीएडी का तर्क रहता है कि सहायक ग्रेड-3 से 1 के लिपिकों की तुलना में काम कम करना पड़ता है। लेकिन इन अनुभाग अधिकारियों का कहना है कि दिन भर नीचे से आई नोटशीट को अवर सचिव, और उप्र तक कैरी फॉरवर्ड करने के लिए तो दिन भर कंप्यूटर स्क्रीन पर टकटकी लगाए रहना पड़ता है न। आंख तो इस्तेमाल करना पड़ता है। रेटिना पर असर तो पड़ता है। इसे लेकर सभी अनुभाग अधिकारी एक ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि शासन के अधीन पूर्व में तृतीय वर्ग कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे, उस अवधि में शासन के प्रचलित नियमों के अनुसार हमें 500/- प्रतिमाह कंप्यूटर भत्ता प्रदान किया जाता था। अनुभाग अधिकारी पदोन्नति उपरांत राजपत्रित अधिकारी बनने के पश्चात हमारा कंप्यूटर भत्ता बंद कर दिया गया है, जबकि वर्तमान में सभी के द्वारा कार्यालयीन कार्यों हेतु कंप्यूटर/डिजिटल उपकरण का नियमित रूप से उपयोग किया जा रहा है, जैसे—ई-ऑफिस कार्य पत्राचार, प्रतिवेदन/नोटशीट तैयार करना
ऑनलाइन पोर्टल एवं सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं। कार्य की प्रकृति एवं डिजिटल दायित्वों को दृष्टिगत रखते हुए यह न्यायसंगत प्रतीत होता है कि पदोन्नति उपरांत भी 500/- प्रतिमाह कंप्यूटर भत्ता प्रदान किया जाए, जिससे कर्मचारियों/ अधिकारियों को तकनीकी कार्य संपादन में प्रोत्साहन मिल सके। इनका कहना है कि यह भत्ता नहीं दे सकते तो चश्मा भत्ता दिया जाए क्योंकि शासन के ही काम काज से आंखें खराब हुईं हैं। इनका कहना है कि हम विधायकों की तरह दैनिक क्षेत्र भत्ता (टीएडीए),प्लेन ट्रेन के मुफ्त यात्रा कूपन थोड़ी मांग रहे।


