राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : साइबर क्राइम में तेजी की रिपोर्ट
03-Oct-2025 6:37 PM
राजपथ-जनपथ : साइबर क्राइम में तेजी की रिपोर्ट

साइबर क्राइम में तेजी की रिपोर्ट

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि छत्तीसगढ़ में साइबर अपराधों की रफ्तार बेहद तेज हुई है।   इस डरावने ट्रेंड पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पिछली जुलाई में ही आंकड़ा विधानसभा में रखा गया था। विधायक सुनील सोनी के सवाल और गजेंद्र यादव के पूरक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया था कि जनवरी 2023 से जून 2025 के बीच राज्य में 67,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें पीडि़तों को कुल 791 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

इसी विवरण के मुताबिक औसतन हर 20 मिनट में एक नया मामला सामने आ रहा है। अकेले 2024 में ही 31,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं और नुकसान 200 करोड़ रुपये से ऊपर रहा। जुलाई 2025 तक के 18 महीनों में ही 1,301 मामलों में 107 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान दर्ज किया गया।

एनसीआरबी के आंकड़ों में यह बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर मुंबई  के लोग सबसे अधिक साइबर अपराधों के शिकार हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर। इसका मतलब यह है कि जिन शहरों में आर्थिक गतिविधियां अधिक तेज हैं, वहां पर साइबर अपराधी घात लगाए बैठे रहते हैं। 2024 में रायपुर में ही 17,000 से अधिक शिकायतें आईं और 48 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज हुआ। इसके बाद दुर्ग और बिलासपुर सबसे प्रभावित जिले रहे। लेकिन चिंताजनक तथ्य यह है कि इतनी बड़ी संख्या में शिकायतों और नुकसान के बावजूद, केवल 107 पीडि़तों को ही पैसा वापस मिल पाया। बैंक से जुड़ी धोखाधड़ी में तो अब तक सिर्फ तीन गिरफ्तारी और सात सजाएं हुई हैं। शिकायतों की बड़ी संख्या का मतलब धोखाधड़ी के उद्देश्य से किया गया कॉल है, चाहे उसमें ठगी हो पाई हो या नहीं। छत्तीसगढ़ पुलिस की सन् 2024 की जांच में पाया गया कि बिहार, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों के ठग गिरोह बीमा, नौकरी और लोन के नाम पर लोगों को फंसाते हैं। वहीं राजस्थान के ठग सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों से छत्तीसगढ़ के लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। मतलब है कि छत्तीसगढ़ देशभर के साइबर अपराधियों के लिए एक सॉफ्ट टारगेट बन चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी और स्मार्टफोन-इंटरनेट के तेजी से फैलते इस्तेमाल ने अपराधियों के लिए रास्ता और आसान कर दिया है। हालांकि, शिकार लोगों में बैंक मैनेजर, उपक्रमों के महाप्रबंधक, यहां तक कि पुलिस और विजिलेंस के अधिकारी भी शामिल हैं।

उप-मुख्यमंत्री, गृह मंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में यह भी बताया था कि छत्तीसगढ़ ने सभी पांच संभागीय मुख्यालयों में साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किए हैं, और बजट में नौ और स्वीकृत किए गए हैं। हर थाने में एक साइबर सेल मौजूद है, और रायपुर में एक डेडिकेटेड साइबर बिल्डिंग स्थापित किया गया है। पुलिस मुख्यालय में 129 कर्मियों की नई नियुक्ति की गई है, और एक विशेषज्ञ, तकनीकी जानकारी से लैस पुलिस बल तैयार करने के लिए एक साइबर कमांडो योजना पर काम चल रहा है। अधिकारियों को सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी और सी-डैक ढ्ढ4 जैसे संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन तथ्यों के बावजूद साइबर अपराधों में कोई कमी नहीं आ रही है। छत्तीसगढ़ में साइबर सुरक्षा को धरातल पर प्रभावी बनाने की जरूरत है। वरना आम नागरिकों की जेब खाली होती रहेगी। एनसीआरबी की रिपोर्ट इस पर गौर करने के लिए कहती है।

जलकर भी, डूबकर भी

राजधानी में बूंदाबांदी के बीच गुरुवार को दशहरे पर रावण दहन हुआ। शहर के प्रमुख दशहरा उत्सव कार्यक्रम में सीएम विष्णु देव साय, और सांसद-विधायक मौजूद रहे। बारिश की संभावनाओं के चलते कार्यक्रम में काफी हड़बड़ी में निपटा।

रायपुर के सबसे पुराने रावणभाठा के दशहरा उत्सव कार्यक्रम में उस वक्त अजीबोगरीब गरीब स्थिति पैदा हो गई, जब सीएम का भाषण हुआ, और पूजा अर्चना हुआ था कि किसी ने रावण में आग लगा दी। यह सब हड़बड़ी में हुआ क्योंकि हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई थी। फिर भी इसको लेकर आयोजकों में काफी नाराजगी देखी गई। कुछ इसी तरह की स्थिति सुंदरनगर दशहरा उत्सव कार्यक्रम में भी देखने को मिला। स्वागत सत्कार का कार्यक्रम लंबा खिंचते देख मुख्य अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने माइक संभाला, और मंच पर मौजूद अतिथियों विधायक सुनील सोनी, मेयर मीनल चौबे, शहर जिला भाजपा अध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर, और अन्य अतिथियों से क्षमा मांगते हुए कह दिया कि किसी का भाषण नहीं होगा। उन्होंने सीधे रावण दहन करने की अपील की।

बृजमोहन ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में जीएसटी कमी के फायदे गिनाए, और कहा कि इस बार रावण न सिर्फ जलेगा, बल्कि डूबकर भी मरेगा। डब्ल्यूआरएस सहित अन्य जगहों में भी बारिश की संभावना को देखते हुए रावण दहन का कार्यक्रम को संक्षिप्त कर दिया गया। इन सबके बावजूद रावण दहन का कार्यक्रम बिना किसी बाधा के हो पाया, और रावण के डूबकर मरने की नौबत नहीं आई।

डीए की घोषणा और वेतन आयोग

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दशहरा दिवाली का तोहफा दिया। केंद्रीय अधिकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है जो नवंबर के वेतन से मिलेगा।  कर्मचारियों का कहना है कि अभी अभी तो जुलाई में डीए मिला है और अगला जनवरी में ड्यू है। ऐसे में अचानक एक और किस्त की घोषणा, दाल में कुछ काला जैसा है।

यह घोषणा परंपरा नियमों से हटकर की गई है। केंद्रीय कार्मिक बताते हैं कि एक बारगी जब वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी जाती है तो डीए नहीं दिया जाता सीधे नया वेतनमान ही लागू किया जाता है। इस बार ऐसा होता न दिखने से केंद्र ने  बिहार चुनाव से पहले नाराजगी, हड़ताल धरना प्रदर्शन रोकने यह निर्णय लिया है। इन्हीं चुनाव को लेकर ही मोदी 2.0 में नया वेतन आयोग ने बनाने का निर्णय लेने वाली सरकार ने इस वर्ष 16 जनवरी को गठन का फैसला किया। यह अलग बात है कि 10 महीने में अध्यक्ष, सचिव सदस्यों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है।

समझा जा रहा है कि तीन फीसदी डीए देकर  आयोग के गठन को और टाला जाए। वेतन आयोग पारंपरिक रूप से दस साल के चक्र पर आते हैं, और 7वें वेतन आयोग के 2016 में लागू होने के साथ, 8वें वेतन आयोग के भी करीब आने की उम्मीद है, जो 2026 के आसपास लागू होने की उम्मीद है। कर्मचारियों के लिए, महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी मौजूदा मुद्रास्फीति के दबावों की याद दिलाती है, जिन्हें आयोग को और व्यापक रूप से संबोधित करना है।

 राजनीतिक पर्यवेक्षक का मानना है कि हालांकि आम चुनावों से पहले कोई आधिकारिक घोषणा होने की संभावना नहीं है,लेकिन केंद्रीय विभागों  के भीतर जमीनी स्तर पर विचार-विमर्श आने वाले वर्ष के लिए चुपचाप मंच तैयार कर सकता है। इस अर्थ में 8 वें वेतन आयोग के गठन अभी भी कुछ समय है। ऐसे में जनवरी में भी एक और किस्त मिलने की उम्मीद लगाए रखें। लेकिन आयोग के गठन की अनिवार्यता को नजरअंदाज करना सरकार के लिए मुश्किल होगा है।

आत्मविश्वास का अंदाज

सिविल ड्रेस में हाथों में बंदूक थामे ये महिलाएं किसी फिल्म या रील्स की शूटिंग हिस्सा नहीं हैं। ये सचमुच शूट कर सकती हैं। दरअसल, ये सब बिलासपुर की राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी हैं, जिन्होंने दशहरा पर्व पर आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम में परंपरा के अनुसार हथियारों की पूजा की और उसके बाद तस्वीरें खिंचाईं।


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