राजपथ - जनपथ
ईडी की बात सुनेगी सरकार?
ईडी ने प्रदेश के दस आईएएस, आईपीएस, और राज्य सेवा के अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण के अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए सरकार को चि_ी लिख दिया है। इसकी पुलिस, और प्रशासनिक हलकों में काफी चर्चा है।
जिन आईएएस अफसरों के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई के लिए लिखा है उनमें तो रानू साहू, और समीर विश्नोई के खिलाफ पहले से ही जांच चल रही है, और वो जमानत पर हैं। मगर आईपीएस अफसरों पर जांच एजेंसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ये अलग बात है कि ईडी ने उनसे पूछताछ जरूर की थी। ये सारे आईपीएस पिछली सरकार में काफी ताकतवर रहे हैं। अब ईडी की ताजा चि_ी को अफसरों को एक तरह से राहत के रूप में देखा जा रहा है। यानी ईडी अब इन अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी, और अफसरों के प्रकरण राज्य सरकार के हवाले कर दिया है। राज्य सरकार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ईओडब्ल्यू-एसीबी को लिख सकती है।
पहले ही शराब, कोयला, और डीएमएफ के प्रकरणों के चलते काफी ईओडब्ल्यू-एसीबी ओवरटाइम कर रहा है। ऐसे में ईडी की चि_ी में उल्लेखित अफसरों के खिलाफ जांच-कार्रवाई में देरी हो सकती है। कुल मिलाकर एक तरह से पुलिस अफसरों को राहत मिलती दिख रही है। देखना है आगे क्या होता है।
ईडी वाले रावण

नवरात्रि की सप्तमी पूरी हो रही है और चहूंओर विजयदशमी पर रावण दहन की चर्चा, तैयारियां हो रही। राजधानी में एक दर्जन से अधिक इलाकों में दहन होने वाले रावण पुतले को इलाके या अगुवाकर्ता नेता गणमान्य के नाम से पुकारा जाता है। मसलन समता कॉलोनी रावण दहन, रावणभाठा, डब्ल्यू आर एस कालोनी, अमलीडीह ,माना बस्ती आदि। इसी नाम से लोग पास भी मांगते हैं। इसमें इस बार एक नया नाम जुड़ गया वो यह कि ईडी के आरोपी वाले रावण।
आयोजन पुराने ऐतिहासिक इलाके में ही हो रहा है लेकिन आयोजन समिति में शराब घोटाले के एक आरोपी शामिल होने से यह नाम रख दिया गया है। इनके यहां ईडी की दबिश हो चुकी है। बहरहाल इस आयोजन के तैयारी की कल शुरुआत भी हो गई। 2 अक्टूबर को सरकार के प्रमुखों से लेकर दलीय नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।अब देखना है कि कौन कौन आरोपी के साथ मंच साझा करते हैं। वैसे कल के भूमिपूजन पत्रकार वार्ता में आरोपी नजर नहीं आए थे।
सर्दियों की आहट के साथ आए विदेशी मेहमान

साइबेरियन स्टोन चैट पक्षी इस साल भी ठीक समय पर मोहनभाठा (बिलासपुर) पहुंच गए हैं, ताकि यहां शीतकालीन प्रवास कर सकें। हालांकि अभी इनकी संख्या दो-चार के आसपास है। यह छोटे आकार के पक्षी मात्र 12–13 सेंटीमीटर लंबे और 15–18 ग्राम वजन वाले होते हैं। सर्दियों के दौरान इन्हें मोहनभाठा में चरौटा की झाडिय़ों या फेंसिंग वायर पर देखा जा सकता है।
साइबेरिया के लेक बैकाल क्षेत्र, मंगोलिया, कजाकिस्तान और रूस के उत्तरी खुले घास के मैदानों में सर्दियों में तापमान अत्यधिक कम हो जाता है और आहार की कमी हो जाती है। इस कारण ये पक्षी हर साल प्रवास करते हैं। साइबेरियन स्टोन चैट पक्षी सितंबर–अक्टूबर में दक्षिण की ओर उड़ान भरना शुरू करते हैं। उनका मार्ग चीन और मध्य एशिया (किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, कज़ाखस्तान) से गुजरता है। इसके बाद वे पाकिस्तान और अफगानिस्तान होते हुए भारत के मध्य क्षेत्र मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तक पहुंचते हैं। यह लंबी उड़ान पक्षियों की अद्भुत सहनशक्ति और प्राकृतिक प्रवास की सुंदरता का उदाहरण है।


