राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : वो दोनों महात्मा तो हैं नहीं
14-Oct-2024 4:05 PM
राजपथ-जनपथ : वो दोनों महात्मा तो हैं नहीं

वो दोनों महात्मा तो हैं नहीं 

जब तक राष्ट्रीय वन खेल उत्सव चलेंगे तब तक हम खेलों के साथ उसमें हो रहे खेल को लेकर नई नई जानकारियां देंगे। खेलों का उद्घाटन बुधवार को राजधानी के कोटा स्टेडियम में होने जा रहा है। जहां तैयारियां राष्ट्रीय खेलों के स्तर की अंतिम चरण में है। इसमें भाग ले रहे राज्यों के खिलाडिय़ों का मार्च पास्ट होगा। इसमें छत्तीसगढ़ की टीम के खिलाडिय़ों का दल सबसे बड़ा होने की जानकारी मिली है। इन खिलाडिय़ों को आज शाम वन मंत्री किट और ट्रेक सूट वितरित करेंगे। और साइंस कॉलेज मैदान में सेंट्रल किचन का उद्घाटन भी करेंगे। इस किचन के चूल्हे नवरत्न कंपनी एनएमडीसी के सौजन्य और व्यय से 20 अक्टूबर तक जलेंगे। जहां करीब 4 हजार खिलाडिय़ों, आयोजन में जुटे स्टाफ के लिए नाश्ता, हाई टी, लंच- डिनर और वो सब कुछ मिलेगा। पूरे आयोजन में प्रवेश हाईटेक सिस्टम से मिलेगा। इसकी जिम्मेदारी भी  इंट्री के बाहर की ही कम्पनी को दी गई हैं ।

बिना स्कैन के भीतर नहीं जा सकेंगे। यह स्कैनिंग और कोई नहीं बाउन्सर करेंगे। अब बात उद्घाटन समारोह में आमंत्रित विशिष्ट अतिथि सेलिब्रिटी को लेकर। विभाग के अफसर से लेकर बीट गार्ड तक पूछ रहे हैं कि- दो सेलेब्रेटी को उद्घाटन में आने के लिए कितना पेमेंट तय किया गया है। क्योंकि वो दोनों कोई महात्मा तो नहीं जो नि:शुल्क आ जाए। अब इसका जवाब अभी नहीं मिलेगा। विधानसभा के शीत सत्र में किसी विधायक के प्रश्न पर मिलेगा। कुछ लोगों का कहना है कि उसमें जो उत्तर मिलेगा उस पर भी विधायक कहेंगे विभाग के अफसर सदन को गुमराह कर गलत जानकारी दे रहे। और बात आई गई हो जाएगी।

कश्मीर का सीजी कनेक्शन 

देश, और प्रदेश में कई नेता ऐसे हैं, जो कि राजनीतिक परिस्थितियों को पहले ही भांप जाते हैं। इन्हीं में से एक फारूख अब्दुल्ला भी हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रवि ग्वालानी पिछले दिनों श्रीनगर में थे, और अपने पिता शिव ग्वालानी की किताब मास्टर ऑफ नथिंग के विमोचन के लिए पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला से मिलने गए। उस वक्त वहां विधानसभा चुनाव को लेकर काफी हलचल थी। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला का ग्वालानी परिवार से पुराना परिचय है,  और वो दो साल पहले फारूख ग्वालानी परिवार के विवाह समारोह में शिरकत करने रायपुर भी आए थे। 

जम्मू कश्मीर के बुजुर्ग नेता फारूख अब्दुल्ला, ग्वालानी पिता-पुत्र से आत्मीयता से मिले। विधानसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले फारूख उनसे संभावित चुनाव नतीजों पर भी खुली चर्चा की। फ़ारूख़ अब्दुल्ला ने कह दिया था कि जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनेगी। यही नहीं, गठबंधन को 48 सीट मिलने का दावा भी किया था। चुनाव नतीजे ठीक वैसे ही आए, जैसा कि फारूख का अनुमान था। गठबंधन को 48 सीटें मिली। इसमें से 42 नेशनल कॉन्फ्रेंस, और 6 सीटें कांग्रेस को मिली है। यह आंकड़ा ग्वालानी पिता-पुत्र के लिए काफी चौंकाने वाला भी था। 

कांग्रेस प्रवक्ता रवि ग्वालानी, उमर अब्दुल्ला के बेटे जफर से मिलकर काफी प्रभावित रहे। जफर भी धीरे-धीरे राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं। उनके पिता उमर अब्दुल्ला जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। रवि का मानना है कि नेहरू परिवार की तरह देश के कुछ परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी काबिल नेता निकल रहे हैं। उनमें से एक अब्दुल्ला परिवार भी है। कुल मिलाकर जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति को नजदीक से जानने का मौका भी मिला। 

 ये एक क्यों छूटा?

बलौदाबाजार आगजनी की घटना के बाद भी पुलिस प्रशासन में वैसी चुस्ती नहीं दिख रही है, जिसकी उम्मीद लगाई जा रही थी। घटना के बाद कलेक्टर-एसपी से लेकर टीआई तक बदले गए हैं। मगर एक टीआई को छोड़ दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिस टीआई के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें रही हैं, उसे नहीं बदला गया।  खास बात यह है कि इस टीआई की पोस्टिंग ज्यादातर समय बलौदाबाजार जिले के अलग-अलग थानों में होती रही है। शिकायतों की वजह से इस टीआई को बदलने पर जोर दिया गया था। आदेश भी होने वाला था, लेकिन स्थानीय प्रभावशाली नेता के दबाव में तबादला रुक गया। अब विवादित लोगों को अहम जगहों पर बिठाया जाएगा, तो कानून व्यवस्था की स्थिति बिगडऩे से रोक पाना मुश्किल है। देखना है आगे क्या होता है। 

हर कोई चमत्कार की तलाश में...

आरंग तहसील में एक बाबा ने दावा किया कि वे पानी में पैदल चल सकते हैं। बाबा पिछले कुछ महीनों से संयमित जीवन व्यतीत कर रहे थे, और जब उन्होंने चमत्कार दिखाने की बात कही तो गांववाले उत्साहित हो गए। उस दिन गांव ने कामकाज बंद रखा। मंदिर हसौद थाने के प्रभारी और तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए।
हालांकि, जैसे ही बाबा गांव के तालाब में उतरे, विज्ञान के नियमों ने अपना काम किया। पैदल चलना तो दूर, थोड़ी देर बाद बाबा ने तैरने की कोशिश की, परंतु डूबने लगे। पहले से मौजूद प्रशिक्षित तैराकों ने तुरंत छलांग लगाई और बाबा को सुरक्षित बाहर निकाला। यह घटना अस्सी के दशक की मशहूर फिल्म ‘शान’  के उस दृश्य की याद दिलाती है, जिसमें अमिताभ बच्चन ने पानी पर चलने का दावा कर भीड़ जुटाई थी। हालांकि आरंग के इस मामले में ठगी की कोई कोशिश नहीं की गई, फिर भी यह घटना बताती है कि अविश्वसनीय दावों से भीड़ आज भी आकर्षित हो जाती है। आश्चर्यजनक यह है कि सरकारी अधिकारी, जिनकी जिम्मेदारी ऐसे अंधविश्वास पर रोक लगानी है, वे भी इसका हिस्सा बन गए।

हाईवे पर द बर्निंग कार

सोशल मीडिया पर एक जलती हुई कार का खौफनाक वीडियो इस समय वायरल हो रहा है। चलती कार में अचानक आग लगी। ड्राइवर ने हैंडब्रेक लगाकर रोकने की कोशिश। नहीं रुकी तो कूद गया। अब खाली कार धूं-धूं जलती हुई सामने सीधी ढलान होने के चलते अपने आप लुढक़ने लगी। कई राहगीर, पूरा रास्ता घेर कार और बाइक खड़ी कर इस नजारे को देखने लगे। लोगों को मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करने का मौका मिल गया। मगर, कार के नहीं रुकने पर भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। कुछ दर्शकों को अपनी बाइक, कार को छोडक़र भागना पड़ा। उन्हें चपेट में लेते हुए आखिरकार कार जाकर एक डिवाइडर से टकराती है। कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन एक सबक यहां लिया जा सकता है कि तमाशबीन बनने से बचें, खतरे की अवहलेना कर मोबाइल  निकालकर रील्स वीडियो बनाने में तल्लीन न हो जाएं। वीडियो जयपुर का बताया गया है।

(rajpathjanpath@gmail.com)


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