राजपथ - जनपथ

सबको मालूम है लिस्ट की हकीकत
सरकार के निगम-मंडलों की कथित प्रस्तावित सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई। सूची की सच्चाई सिर्फ इतना है कि जिन भाजपा नेताओं के नाम हैं, वो सभी निगम-मंडल में पद की इच्छा रखते हैं और इसके लिए प्रयासरत भी हैं। कई तो बाकायदा अपना बायोडाटा पार्टी दफ्तर में जमा कर चुके हैं। भूपेश सरकार ने दर्जनभर नए निगम-मंडल का गठन किया था। ये अलग बात है कि इनमें निगमों के कुछ पदाधिकारी तो सरकार के जाने से पहले तक गाड़ी और अन्य सुविधाओं के लिए जोर लगाते रहे। साय सरकार इन निगमों में नियुक्तियां करेंगी या नहीं, यह साफ नहीं है।
सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पार्टी ने निगम-मंडलों के लिए कोई सूची तैयार की है? इस पर एक-दो प्रमुख नेताओं ने संकेत दिए हैं कि लालबत्ती के लिए पहले करीब 14 नेताओं के नाम तय किए गए थे लेकिन अलग-अलग कारणों से सूची जारी नहीं हो पाई।
हाल में पार्टी कोर ग्रुप की बैठक में यह तय किया गया कि लालबत्ती के लिए जिले की कोर कमेटी की अनुशंसा जरूरी होगी। कुछ का अंदाजा है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए एक छोटी सूची जारी हो सकती है। देखना है आगे क्या होता है।
वीरू जय दोनों संगठन में
एआईसीसी पदाधिकारियों की एक सूची जल्द जारी हो सकती है। इस सूची में महासचिव, और राज्यों के प्रभारी व चुनाव प्रभारी के नाम हो सकते हैं। चर्चा है कि छत्तीसगढ़ के कई नेताओं को एआईसीसी में जिम्मेदारी दी जाएगी।
हल्ला है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल का राष्ट्रीय महासचिव बनना तय हो गया है। साथ ही उन्हें दक्षिण के किसी राज्य का प्रभारी भी बनाया जा सकता है। भूपेश बघेल हाल ही में कर्नाटक, और तेलंगाना दौरे पर गए थे, और उनकी दोनों राज्यों के सीएम से मुलाकात भी हुई थी। भूपेश की मुलाकात को संगठन में दायित्व से जोडक़र भी देखा जा रहा है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल की तरह पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को भी हाईकमान जिम्मेदारी दे सकती है। चर्चा है कि सिंहदेव को झारखंड अथवा हरियाणा का चुनाव प्रभारी बनाया जा सकता है। सिंहदेव का इलाका सरगुजा झारखंड से सटा हुआ है, और वो पहले भी वहां चुनाव में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
हरियाणा में उनकी बहन आशा कुमारी प्रभारी रह चुकी हैं। टीएस सिंहदेव हरियाणा के तमाम छोटे-बड़े नेताओं से परिचित हैं। ऐसे में उन्हें हरियाणा में कोई दायित्व मिल जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इससे परे पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को भी एआईसीसी कोई जिम्मेदारी दे सकती है। ताम्रध्वज की राहुल गांधी से मुलाकात भी हो चुकी है। इसके अलावा राज्य की इकलौती सांसद ज्योत्सना महंत को भी किसी फोरम में एडजस्ट किया जा सकता है।
सुनते हैं कि एआईसीसी सचिवों की एक बड़ी सूची जारी होने वाली थी, लेकिन अलग-अलग कारणों से रूक गई। राहुल गांधी राज्यों के प्रमुख नेताओं से मिल रहे हैं। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, कवासी लखमा और मोहम्मद अकबर को भी एआईसीसी में पद मिल सकता है। एआईसीसी सचिवों की सूची अगले महीने जारी हो सकती है। कुल मिलाकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हारे हुए नेताओं को संगठन के काम में लगाया जा रहा है। देखना है आगे क्या होता है।
मां की ममता...
गाय चरने के लिए जंगल में थी और उसी दौरान उसने बछड़े को जन्म दे दिया। अब गाय और बछड़े दोनों को गरुवाखोली में वापस लाना है। किसान ने बछड़े को उठाया, बाइक पर बिठाया और चल पड़ा। पीछे-पीछे मां भी दौड़ रही है, कहीं बच्चे को कोई नुकसान न हो जाए। घर से चरागाह दो किलोमीटर की दूरी को उसने बिना थके हारे तय कर लिया। तस्वीर प्राण चड्ढा के सोशल मीडिया पोस्ट से।
(rajpathjanpath@gmail.com)