राजपथ - जनपथ

गलत सरकारी संदेश का क्या करें?
वैसे तो जब दसियों करोड़ लोग किसी योजना से जुड़ते हैं, तो उसमें कुछ लोगों के फोन नंबर गलत आ सकते हैं, और योजनाओं की सूचना, उनके पासवर्ड, गलत जगहों पर जा सकते हैं। लेकिन अभी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तीन अलग-अलग लोगों को भेजी गई जानकारी इस अखबार के एक ही फोन नंबर पर पहुंचीं हैं, और इन तीन लोगों को यह जानकारी नहीं मिल पाई होगी। सरकारी योजनाओं को ऐसे संदेशों के साथ यह विकल्प भी भेजना चाहिए कि अगर यह संदेश किसी गलत नंबर पर जा रहा है, तो वे किसी नंबर पर जवाब भेजकर बता सकें कि यह उनसे संबंधित नहीं है ताकि सरकार अपनी गलती सुधार सके।
पर सीट बेल्ट तो चार ही हैं...
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सडक़ दुर्घटना में मौत के बाद सीट बेल्ट की अहमियत पर देशभर में वाहन चालकों का ध्यान गया है। परिवहन मंत्रालय भी सख्ती करने जा रहा है। राजधानी रायपुर की पुलिस ने भी कल ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 200 से ज्यादा लोगों पर एक लाख 14 हजार का जुर्माना लगाया। पर वर्षों से कार कंपनियां सेफ्टी की जुड़ी एक बड़ी गलती कर रहे हैं, जिसकी तरफ अब ध्यान जा रहा है। एक दिलचस्प सवाल उठ रहा है कि ज्यादातर छोटी कारों में जिनका चलन सबसे अधिक है, पीछे सीट तो तीन बताई जाती है, पर सीट बेल्ट केवल दो ही दी जाती है। क्या कार में बैठने वाले पांचवे व्यक्ति के लिए बेल्ट जरूरी नहीं है? जिस कार में 5 लोग सफर कर रहे हो, उनमें से एक तो बिना बेल्ट के ही मिलेगा। क्या उसकी जान कीमती नहीं है? उम्मीद है मंत्री नितिन गडकरी तक यह बात पहुंचेगी और वे कोई इस बारे में भी कुछ बयान देंगे।
कलेक्टर का आदेश भी फेल
सरकारी बैंकों में करोड़ों के घोटाले हो रहे हैं, पर लगता है कि इसके जवाबदारों को बड़े स्तर पर संरक्षण मिल रहा है। बलौदा बाजार जिले के वटगन और बलौदा बाजार शाखाओं में करीब 3.50 करोड़ रुपए के गबन की बात सामने आई है। बैंकों से पैसे निकले पर किसानों के खाते में नहीं पहुंचे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि इसमें कर्मचारी ही नहीं बल्कि संबंधित शाखाओं के प्रबंधक भी लिप्त हैं, तब कलेक्टर ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। वटगन के मामले में पलारी पुलिस ने बैंक अधिकारियों की शिकायत पर अपराध दर्ज कर लिया है लेकिन बलौदा बाजार को लेकर अब तक कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं हुआ है। पता चला है कि वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी मंजूरी नहीं मिल रही है। अब देखना यह है कि कलेक्टर अपने आदेश की अवहेलना पर कोई कड़ा कदम उठाते हैं या सहकारी बैंक के उच्चाधिकारी आरोपियों को बचाने में कामयाब होते हैं।
जशपुर के पेड़ों पर कुल्हाड़ी...
जशपुर जिले का मैनपाट अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है, जो यहां के जंगलों के बिना मुमकिन ही नहीं। पर इसे नुकसान पहुंचाने का खेल चल रहा है। जिले में टमाटर की खूब खेती होती है। इसमें बड़े-बड़े व्यवसायी लगे हुए हैं। वे किसानों, मजदूरों से काम लेते हैं। इन खेतों में टमाटर को जानवरों से बचाने के लिए पेड़ों को काटकर बाड़ लगाई जा रही है। दूसरी तरफ पेड़ों को काटकर खेत बनाए जा रहे हैं। टमाटर की बाड़ लगाने के मामले में तो वन विभाग ने कहीं-कहीं कार्रवाई की है और उन्हें वन विभाग से बांस लेने के लिए कहा गया है, पर अतिक्रमण पर विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है।
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