राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 मई। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला भाजपा कार्यालय में जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह की मौजूदगी में कथित मीराबाई चौक तोडफ़ोड़ मामले को लेकर प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया।
प्रेसवार्ता में जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष गिरजा चंद्राकर, जिला भाजपा अध्यक्ष डॉ. बिसेसर साहू, पूर्व अध्यक्ष घम्मन साहू, टिके चंदेल सहित अन्य भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पर औचित्यहीन बातें करके नगर की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। जिपं उपाध्यक्ष ने कांग्रेस द्वारा कथित मीराबाई चौक तोडफ़ोड़ मामले में लगाए जा रहे एक-एक आरोपों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि वह मूर्ति मीराबाई की है ही नहीं। कांग्रेस के कुछ नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए झूठ बोलकर नगर की जनता को गुमराह कर रहे हैं और अगर वह मूर्ति मीराबाई की है तो कांग्रेसी प्रमाणित करके दिखाए।
श्री सिंह ने कहा कि 2009 में मेरे कार्यकाल में ही उक्त चौक का निर्माण कार्य हुआ था। चूंकि खैरागढ़ संगीत की नगरी है। इसी कारण हमने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के सहयोग से एक सितार बजाती हुई महिला की मूर्ति वहां रख दी थी, ताकि आने जाने वाले लोगों को संगीत नगरी में होने का एहसास हो सकें। उसके बाद 2010 में चौक के सौंदर्यीकरण का दोबारा टेंडर हुआ और जो संरचना बनी, उसमें उक्त मूर्ति नहीं आ पाई। जिसके बाद उस मूर्ति को हमने अटल उद्यान के एक कमरे में रखवा दिया।
12 साल तक वह मूर्ति उस कमरे में ही रखी रही और 12 साल बाद 2022 में तत्कालीन नगर पालिका सीएमओ ने उक्त चौक का दोबारा सौंदर्यीकरण कराया और जो मूर्ति अटल उद्यान में रखी हुई थी, उसे उक्त चौक में स्थापित कर दिया, फिर कुछ दिनों में किसी ने उस मूर्ति को मीराबाई जैसे दिखने वाली बता दिया, तब से ही उस चौक को बोलचाल की भाषा में मीराबाई चौक कहा जाने लगा, लेकिन नगर पालिका के रिकॉर्ड में मीराबाई चौक के नाम से किसी चौक का नाम दर्ज नहीं है और अगर कांग्रेसियों के मुताबिक वो मीराबाई चौक है व कांग्रेसी आज मीराबाई के अपमान की बातें कर रहे हैं तो मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि कितनी बार उन्होंने मीराबाई की मूर्ति पर एक फूल भी चढ़ाया है।
जिपं उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेसी बिना प्रस्ताव के चौक हटाने की बात कर रहे हैं। जबकि नगर पालिका में 2 अगस्त 2024 को प्रस्ताव हुआ है। जिसमें आठवें बिंदु में अटल परिसर निर्माण हेतु स्थल चयन की बात कही गई है। जिसके बाद 17 मार्च 2025 को हुई पीआईसी की बैठक में प्रस्ताव क्रमांक 4 में स्पष्ट रूप से उक्त चौक के स्थान पर अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित करने की बात कही गई है।
कांग्रेस यह चाहती ही नहीं कि अटलजी की प्रतिमा वहां लग सके। इसी कारण वो बेबुनियाद बातें कर नगर पालिका के विकास कार्य में बाधा उत्पन्न करके भारत रत्न, छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान कर रही है।
लेकिन मैं एक भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते यह कहना चाहूंगा कि हम हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान नहीं सहेंगे और मूर्ति उसी स्थान पर स्थापित करेंगे।
कांग्रेस के मिशन संडे पर भी कसा तंज
जिपं उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कांग्रेस द्वारा चलाए जा मिशन संडे पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कतिपय नेताओं द्वारा लोगों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस को मिशन संडे चलाना है तो छुईखदान व गंडई नगर पंचायत में चलाए यहां हमारे पार्षद सप्ताह के 7 दिन जनता की सेवा में उनके बीच रहते हैं। मिशन संडे चलाना ही था तो अपने 7 साल के कार्यकाल में क्यों नहीं चलाया। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में खैरागढ़ को सिर्फ बर्बाद करने का कार्य किया है। खैरागढ़ को संवारने का कार्य यदि किसी ने किया है तो वो भाजपा ने किया है।
जिपं उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि अगर इस तरह के झूठे आरोप हम पर लगेंगे तो उसकी प्रतिक्रिया भी होगी और हम नहीं चाहते कि गड़े मुर्दे उखाड़े, कांग्रेस के भ्रष्टाचार के बोझ से ही व्यथित होकर नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने उनका साथ छोडक़र भाजपा में आए। कांग्रेसी जल आवर्धन योजना की बात करते हैं हमने छुईखदान और खैरागढ़ के लोगों को साफ पीने का पानी मिल सके, इसके लिए छिंदारी बांध से पाइप लाइन के माध्यम से लोगों के घर तक पानी पहुंचाने के लिए यह योजना लाई थी, लेकिन कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में इस योजना को पूरी तरह बदल दिया। यही कारण है कि आज इस योजना के तहत नगर के लोगों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा। कांग्रेस हम पर आरोप लगाने के पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखे।
पर्यावरण का नहीं हुआ नुकसान
जिपं उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेसियों द्वारा चौक से पेड़ काटे जाने का बात कह रहे हैं, लेकिन उनको यह भी नहीं पता कि वहां पर एक भी पेड़ था ही नहीं तो कटेगा कहा और पेड़ नहीं कटा तो पर्यावरण का किस तरह से नुकसान हुआ। श्री सिंह ने तोडफ़ोड़ के दौरान आखिरी दिन लिए गए फोटो को मीडिया के सामने रखा। जिसमे किसी तरह के पेड़ नहीं दिखाई दे रहे हैं।