राजनांदगांव
कई वार्डों में निर्दलियों की दमदार मौजूदगी से बिगड़ा समीकरण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 फरवरी। नगरीय निकाय चुनाव में वार्डों में पार्षद पद के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने कांग्रेस-भाजपा की रणनीति को धराशाही कर दिया है। कई ऐसे वार्ड हैं, जहां निर्दलीय अपने व्यक्तिगत व्यवहार और बेहतर सपंर्क से दमदारी के साथ मुख्य राजनीतिक पार्टियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
ऐसे कई वार्डों में निर्दलियों के धमक से राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार फंस गए हैं। वार्ड नं. 27 से निर्दलीय उम्मीदवार जितेन्द्र सिमनकर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रज्ञा गुप्ता और भाजपा के मौजूदा पार्षद राजेश जैन को कड़ी टक्कर मिल रही है। जितेन्द्र बौद्ध समाज से ताल्लुक रखते हैं। इस वार्ड में उनके समाज की खासी बाहुल्यता है। ऐसे में समाज के एकजुट होने से उन्हें फायदा मिल सकता है।
इसी तरह वार्ड नं. 4 से पूर्व पार्षद सुनील रामटेके कांग्रेस से और भाजपा से श्यामा सुखदेवे को निर्दलीय प्रत्याशी राजू टंडन से चुनौती मिल रही है। इस वार्ड से निवर्तमान पार्षद बैनाबाई टुरहाटे निर्दलीय चुनाव मैदान में है। पार्षद पद के लिए आपस में भिड़ रहे सभी प्रत्याशी पूर्व पार्षद हैं। राजू टंडन से भाजपा-कांग्रेस को नुकसान होने का अंदेशा है।
वार्ड नं. 11 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजेन्द्र सोनी बबलू ने भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी की समीकरण को बिगाडक़र रख दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के छोटेलाल रामटेके और भाजपा के अनिल गजभिये को टिकट दिए जाने से वार्ड में कई लोग नाखुश हैं। ऐसे में बबलू को फायदा मिल सकता है।
वार्ड नं. 17 से चुनाव लड़ रहे शमसुल आलम भी कांग्रेस और भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। शमशुल बसपा से उम्मीदवार हैं।
इसी वार्ड से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे संजय मोरे ने भी कांग्रेस के संतोष पिल्ले और भाजपा के किशुन यदु की उलझनें बढ़ा दी है।
वार्ड नं. 46 से निर्दलीय प्रत्याशी अरूण मानिकपुरी ने भी अपना दमखम दिखाया है। अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर कांग्रेस के निवर्तमान पार्षद हरिनारायण धकेता और भाजपा प्रत्याशी पूर्व पार्षद शेखर यादव के लिए भी अड़चने खड़ी कर दी है।
कुल मिलाकर शहर में कई ऐसे वार्ड हैं, जहां निर्दलियों ने अपनी जीत की संभावना को बल दिया है।


