राजनांदगांव
पठारी इलाकों में दिखने लगा ठंड का असर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 नवंबर। नवंबर के पहले सप्ताह में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू किया है। सर्दीली हवाओं से दिन और रात का तापमान लगातार गिरते क्रम में है। दिन में सूर्य की चूभन लगभग गायब हो गई है। दिन में भीषण गर्मी से तंग लोगों को गुलाबी ठंड से सुकून मिल रहा है।
पठारी इलाकों में लगातार तापमान गिर रहा है। मैदानी क्षेत्रों में भी ठंड ने अपना तेवर दिखाना शुरू किया है। ऐसे में लोग अब गर्म कपड़ों का लबादा ओढ़े नजर आ रहे हैं। खासतौर पर सुबह के वक्त उम्रदराज लोग शाल और स्वेटर पहने दिख रहे हैं। इस साल ठंड ने देरी से आमद दी है। बताया जा रहा है कि ला-नीना के असर से ठंड ने देर से कदम रखा है। आने वाले दिनों में पारा और लुढक़ेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पूर्वी हवा से कंपकपाहट बढ़ेगी। ऐसे में लोगों को आने वाले दिनों में ठंड का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। पिछले कुछ सालों में ग्लोबल वार्मिंग ने लोगों को गर्म वातावरण में झोंक दिया है। पृथ्वी के बढ़ते तापमान के कारण गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो चला है। ठंड के महीने का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। मौसम साफ होने से तापमान में काफी गिरावट आई है। पिछले दो-तीन दिनों के भीतर तापमान 14 से 15 डिग्री नीचे आ गया है।
हालांकि दिन के तापमान में अभी भी बढ़ोत्तरी है। यानी दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस में स्थिर है। नवंबर का पहला सप्ताह में दिन और रात का तापमान में तेजी से गिरावट आई है। गुनगुनी ठंड के कारण लोगों को मौसम का मिजाज सुहाना लग रहा है। चक्रवाती तूफान मोंथा ने भी करीब सप्ताहभर तक ठंड के असर को प्रभावित किया था।
मोंथा का असर खत्म होते ही ठंड बढऩे लगी है। ठंड के कारण लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई है। लोग जल्द ही घर लौटने लगे हैं। ऐसे में सडक़ों में शाम ढ़लते ही आवाजाही भी सिमटने लगी है। उधर पठारी इलाकों में स्थिति शहर की तुलना में बिल्कुल अलग है। राजनांदगांव एवं मोहला-मानपुर जिले के अलावा खैरागढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड ने अपना असर दिखा दिया है। वनांचल में जनजीवन शाम ढलते ही सिमट गया है। सुबह पहाड़ी इलाका कोहरे के आगोश में समा जाता है। घने कोहरे के प्रभाव से सूर्य की किरणें भी कमजोर साबित हो रही है। बहरहाल ठंड का असर धीरे-धीरे गहराने लगा है।


