राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 फरवरी। छत्तीसगढ़ साहित्य समिति और कस्तूरबा महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में बसंत पंचमी को ज्ञान की देवी मां सरस्वती पूजन सहित बगरो-बसंत पर साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान पंडवानी गायिका तरुणा साहू द्वारा मां वीणावादन के चरणों में पंडवानी के सुरों से लोक रंगी कला पुष्प अर्पित किया गया। रेल्वे सुरक्षा बल अधिकारी श्रीमती साहू की पंडवानी सुनने बड़ी संख्या में कस्तूरबा की समाजसेवी महिलाएं एवं कवि/साहित्यकारों की उपस्थिति रही।
बसंत पंचमी पर आयोजित कस्तूरबा व साहित्य समिति के इस आयोजन में मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी रत्ना ओस्तवाल ने साहित्यकार सूर्यकांत और महादेवी वर्मा के वृतांत को सुनाकर आयोजन को जीवंतता प्रदान की। वहीं कृषि विस्तार अधिकारी व कवयित्री सुषमा शुक्ला ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की यशोधरा कविता सुनाकर नारी पीड़ा को व्यंजित किया। इस दौरान साहित्य समिति के अध्यक्ष आत्माराम कोशा ने सुमधुर बखान किया। अध्यक्षता करते प्रोफेसर डॉ. कृष्ण कुमार ने ऋतु राज बसंत के आगमन के संदर्भ में कामदेव के अनंग होने की कथा सविस्तार बताई।
कार्यक्रम में कवयित्री अनिता जैन, कवि लखन लाल साहू, कवि आनंदराम सार्वा, पवन यादव, कवयित्री माया अग्रवाल, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा, गिरीश ठक्कर, वसुधा गुप्ता, कथाकार मानसिंह मौलिक, समाजसेवी किरण अग्रवाल, माला शुक्ला, शरद अग्रवाल, आशीष जयकिशन चितलांग्या ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रभा बरडिया, जनकबाई गुप्ता, शकुन गुप्ता, दुर्गा खंडेलवाल, मोना लोहिया, भगवती खंडेलवाल, प्रवीण गुप्ता, सीताराम वैष्णव सहित बड़ी संख्या में कस्तूरबा के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।


