राजनांदगांव

हिन्दी के प्रति नीति और नियत दोनों में खोट- कुसुम दुबे
16-Sep-2024 3:59 PM
हिन्दी के प्रति नीति और नियत दोनों में खोट- कुसुम दुबे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 सितंबर।
छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की सचिव अधिवक्ता कुसुम रूपेश दुबे ने 14 सितंबर हिंदी दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करने की घोषणा को दिन के स्वप्न कल्पना निरूपित करते कहा कि साय सरकार पहले बंद हुए लिपिकों के हिंदी प्रशासनिक परीक्षा को आयोजित करने का आदेश जो सरकार के हाथ में है, उसे जारी करें। 

कुसुम ने कहा कि हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार कर राजभाषा अधिनियम 1957 लागू करते हुए 7 फरवरी 1958 को तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी कामकाज हिंदी में करना अनिवार्य किया व वर्ष 1962 में हिंदी राजभाषा विभाग की स्थापना की गई। 1980 में राजभाषा के स्थान पर संस्कृति विभाग की स्थापना हुई। राजकाज में हिंदी को प्रोत्साहित करने 14 सितंबर 1983 को तीन दिवसीय व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, तब से 14 सितंबर को हिंदी दिवस की रूप मनाया जाता है। विभागीय परीक्षा आयोजित करना प्रारंभ किया था, किंतु छग में 15 वर्षीय भाजपा सरकार ने इस परीक्षा को बंद कर राज्य के कर्मचारियों व हिंदी भाषा पर भी चोट पहुंचाई है। 
 


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