राजनांदगांव

परिवार की खुशहाली में ट्रस्ट, टाइम, टॉक और थैंक्स ये चार ‘टी’ का बड़ा महत्व है- सुधाकर
13-May-2024 3:25 PM
परिवार की खुशहाली में ट्रस्ट, टाइम, टॉक और थैंक्स ये चार ‘टी’ का बड़ा महत्व है- सुधाकर

 एक शब्द किसी को दिल में उतार सकता है  तो किसी को दिल से उतार भी सकता है

राजनांदगांव, 13 मई। युग प्रधान गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर ने परिवार की खुशहाली के बारे में कहा कि परिवार की खुशहाली में ट्रस्ट, टाइम, टॉक और थैंक्स ये चार ‘टी’ का बड़ा महत्व है।

उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों का एक दूसरे पर ट्रस्ट अर्थात भरोसा होना चाहिए। एक-दूसरे के लिए टाइम अर्थात समय निकालना चाहिए। टॉक अर्थात प्रेम पूर्ण संवाद होना चाहिए और एक-दूसरे के अच्छे कामों के लिए थैंक्स कहने की भावना होनी चाहिए।

मुनिश्री ने कहा कि हर आत्मा स्वतंत्र है, परंतु भगवान महावीर का कथन है कि एक जीव का अस्तित्व दूसरे जीव पर आश्रित है। व्यवहारिक जीवन के धरातल पर सुखी जीवन, तभी बन सकता है, जब परिवार सुखी हो।

मुनिश्री सुधाकरने तेरापंथ भवन में अपने नियमित प्रवचन में कहा कि सात वारों से भी बड़ा कोई वार है तो वह है परिवार। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में एकता और अपनापन है, वह परिवार सुखी है और जिस परिवार में छल कपट है, वह परिवार नरक का द्वार है।

उन्होंने कहा कि परिवार तो वह होता है जिस परिवार में एक-दूसरे पर भरोसा हो। विचार से ही वास्तु का निर्माण होता है। 

 मुनिश्री सुधाकर ने कहा कि संवाद करना सीखिए। घर में रहते हुए यदि आप आपस में संवाद नहीं करते तो यह परेशानी का कारण है। संवाद से अच्छे-अच्छे मसले सुलझ जाते हैं। संवाद में रोशनी है और विवाद में अंधेरा। घर में आप कोई भी भाषा बोलिए, किंतु उस भाषा में एक भाषा अवश्य शामिल होनी चाहिए वह है प्रेम की भाषा। बिना हड्डी वाले जुबान से निकली बात से अनेक हड्डियां टूट जाती है। एक शब्द पराए को अपना बना सकता है और अपने को पराया। एक शब्द से आप किसी के दिल में उतर सकते हैं और एक शब्द की वजह से आप किसी के दिल से उतर सकते हैं। बोलने से पहले शब्दों का चयन करें।   कार्यक्रम में दुर्ग, भिलाई, रायपुर के तेरापंथ सभा के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे। राजनांदगांव जैन समाज के गणमान्य नागरिक एवं तेरापंथ सभा, महिला मंडल एवं युवक परिषद के पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित थे।


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