राजनांदगांव

विवेकानंद प्रतिमा का प्रभारी मंत्री ने किया लोकार्पण
17-Jul-2023 3:37 PM
विवेकानंद प्रतिमा का प्रभारी मंत्री ने किया लोकार्पण

कांग्रेसी नेताओं किया मंत्री का स्वागत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 जुलाई।
स्थानीय कमला कॉलेज चौक में नवनिर्मित विवेकानंद की प्रतिमा का प्रभारी मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने सोमवार को लोकार्पण किया। प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम  में कांग्रेस के आला नेता भी उपस्थित थे। महापौर हेमा देशमुख व वरिष्ठ पार्षद कुलबीर छाबड़ा ने कार्यक्रम के बाद प्रभारी मंत्री से शहर विकास के संबंध में चर्चा की। काफी समय से मूर्ति अनावरण का कार्यक्रम लंबित था। नगर निगम प्रशासन द्वारा निर्मित मूर्ति का अनावरण करने पहुंचे प्रभारी मंत्री ने स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों और उनके आदर्शों को आत्मसात कर जीवन में उतारने की अपील की। इससे पहले प्रभारी मंत्री के आगमन पर कांग्रेस नेताओं ने उनका शानदार स्वागत किया। स्वागत करने वालों में पूर्व महापौर नरेश डाकलिया,  सुदेश देशमुख, पदम कोठारी, श्रीकिशन खंडेलवाल, आसिफ अली, शाहिद भाई, आफताब आलम, सूर्यकांत जैन, रईस अहमद शकील, मानव देशमुख, शरद पटेल, विनय झा, रूबी गरचा, शकील रिजवी समेत अन्य लोग शामिल थे। 

 नाराज वार्ड पार्षद सुनीता कार्यक्रम से रहीं दूर

स्वामी विवेकानंद मूर्ति अनावरण कार्यक्रम विवादों में रहा। प्रभारी मंत्री भगत ने एक ओर भव्य आयोजन के बीच प्रतिमा का अनावरण किया। वहीं वार्ड पार्षद  श्रीमती सुनीता फडऩवीस समारोह से दूर रही। बताया जा रहा है कि वह इस बात को लेकर खफा हैं कि उनके वार्ड में मूर्ति स्थापना को लेकर उनसे राय नहीं ली गई। बिना उनकी सहमति के वार्ड में प्रतिमा की स्थापना कर दी गई। सूत्रों का कहना है कि जिस स्थान में मूर्ति की स्थापना की गई है, वहां प्रियदर्शनी प्रवेश द्वार की स्वीकृति काफी पहले हो चुकी है। 

वार्ड पार्षद  सुनीता फडऩवीस ने मूर्ति स्थापना के स्थल चयन को लेकर आपत्ति दर्ज की थी। इसके लिए उन्होंने प्रभारी मंत्री, विभागीय मंत्री, कलेक्टर और कमीशनर को भी शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के नियम के तहत मुख्य चौक-चौराहों में मूर्ति स्थापना पर प्रतिबंध है। वहीं अष्टधातु और पंचधातु से निर्मित मूर्ति की स्थापना का प्रावधान है। जबकि कमला कॉलेज चौराहे पर स्थापित मूर्ति सीमेंट से निर्मित है। श्रीमती फडऩवीस इस कदर निगम प्रशासन से नाराज हैं कि उन्होंने शिलान्यास के पत्थर में अपना नाम अंकित पर आपत्ति दर्ज की है। बहरहाल पार्षद की गैरमौजूदगी  चर्चा का विषय रही। 


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