रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 नवंबर। रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएं, छत्तीसगढ़ ने रायपुर की आनंद विहार रेसिडेंट्स विकास सोसायटी का पंजीयन रद्द कर दिया है तथा ऐसी ही गलत श्रेणी में पंजीकृत 360 रहवासी सोसायटियों को नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई इसलिए की गई है कि ये सोसायटियां उस अधिनियम में पंजीकृत हैं, जिसमें कॉलोनियों के दैनिक रख-रखाव शुल्क लेने का प्रावधान ही नहीं हैं, जबकि वे नियमित रूप से ऐसे कार्य कर रही थीं। रहवासी सोसायटियों को छत्तीसगढ़ कोऑपरेटिव 1960 एक्ट के तहत पंजीयन कराना जरूरी है।
भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 के अनुसार, किसी भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में 50 प्रतिशत से अधिक आबंटितियों द्वारा घर या प्लॉट बुक कराने के तीन माह के भीतर आबंटितियों की एसोसिएशन या सहकारी सोसायटी बनाना अनिवार्य है। ये सोसायटियां कॉलोनी के रख-रखाव और प्रबंधन की जिम्मेदार होती हैं।
रजिस्ट्रार कार्यालय के अनुसार छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 यथा संशोधित 1998 के तहत ऐसी सोसायटियों का पंजीयन सोसायटी अधिनियम की धारा-2 में वर्णित प्रयोजन के अनुसार केवल सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक उद्देश्य वाली संस्थाओं के लिए है। इसमें दैनिक रख-रखाव या मेंटेनेंस से जुड़े प्रावधान नहीं हैं। इसलिए रियल एस्टेट प्रोजेक्टों की रहवासी सोसायटियों का पंजीयन छत्तीसगढ़ सहकारी अधिनियम, 1960 के तहत ही किया जाना चाहिए। इन्हीं नियमों के उल्लंघन पर आनंद विहार रेसिडेंट्स विकास सोसायटी द्वारा रख-रखाव कार्य करने और शुल्क वसूली को उसके पंजीकृत उद्देश्यों के विरुद्ध पाया गया।


