रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अक्टूबर। राजधानी निगम के सौ करोड़ के म्युनिसिपल ब्रांड जारी होने से पहले ही विवाद और शंकाएं खड़ी हो गई है।
इस योजना पर पूर्व मेयर एजाज ढेबर, एमआईसी सदस्य रहे अजीत कुकरेजा ने ब्रांड को लागू करने के तरीके पर आपत्ति जताई है। यह विरोध उस वक्त सामने आया है जब कल बुधवार को सामान्य सभा की बैठक होनी है। उससे पहले सोमवार को महापौर मीनल चौबे अपने एमआईसी सदस्यों पार्षदों के साथ डिप्टी सीएम अरूण साव से मुलाकात कर लौटीं है। इस मुलाकात में साव ने राजधानी की सफाई ठेके की व्यवस्था को सेंट्रलाइज्ड करने का दो टूक जवाब दिया था।
इस बीच मंगलवार को मीडिया से चर्चा में ढेबर ने कहा कि पिछली एम आई सी ने यह बांड योजना को पास किया था बीजेपी ने उसका विरोध किया था। एजाज ने इसकी मंजूरी के लिए लगाई गई चार शर्तों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि म्युनिसिपल ब्रांड को राज्य सरकार गारंटी क्यों नहीं दे रही। ऐसे में पब्लिक इनवेस्ट क्यों करेगी?
वहीं बड़े इन्वेस्टर गारंटी नहीं होने के कारण इनवेस्ट नहीं करेंगे। क्योंकि इन्वेस्ट करने पर वापसी की क्या गारंटी है? मेंबर ने कहा कि नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब है। वह अपने सफाई ठेकेदारों को हर माह भुगतान नहीं कर पा रही है तो ऐसे में बांड की रकम कैसे वापस करेगा। इसलिए राज्य सरकार ब्रांड को गारंटी दे। ऐसे ही बांड अहमदाबाद, इंदौर निगमों ने भी जारी किए हैं उन्हें राज्य सरकारों ने गारंटी दी है। यहां ऐसा न होने पर अभी ब्रांड को वापस लेना चाहिए।


