रायपुर
रायपुर, 26 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के पेंशनर राज्य बनने के 25 वर्ष बाद भी मध्य प्रदेश सरकार पर आश्रित है। छत्तीसगढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन के संरक्षक विजय कुमार झा एवं जिला अध्यक्ष पंकज नायक ने बताया है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के धारा- 49 के तहत जब तक मध्य प्रदेश सरकार से सहमति प्राप्त नहीं होती, उनके महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं होती है। मध्यप्रदेश सरकार वित्त विभाग से 15 अक्टूबर को मिली सहमति के बाद सितंबर माह से प्रभावशील होकर अक्टूबर माह के पेंशन से प्राप्त होगा।
छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है कि प्रदेश में तीन प्रकार के पेंशन केंद्रीय कर्मचारियों, राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों का पृथक पृथक दिया जाता है?। श्री झा ने 1 नवंबर को प्रधानमंत्री के प्रवास के दौरान उनसे अपेक्षा की है कि मंच से वन नेशन,वन इलेक्शन की भांति वन पेंशन की घोषणा करेंगे तथा बुजुर्गों को मध्य प्रदेश की दासता (आश्रितत्ता) से मुक्ति दिलाएंगे। प्रतिवर्ष राजस्वोत्सव मनाया जाता है, किंतु वृद्धजन आज भी मध्य प्रदेश के अधीन है। इसलिए राज्योत्सव नहीं मना पाते हैं। पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश संरक्षक पी आर यादव,महामंत्री उमेश मुदलियार, शालिक सिंह ठाकुर, सीएल दुबे, बीपी कुरील, एस एस देवांगन,जी आर चन्द्रा, प्रदीप मिश्र आदि ने 1 नवंबर को प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान वृद्ध जनों पेंशनरों को मध्य प्रदेश की गुलामी से स्वतंत्रता की घोषणा करने की मांग की है।


