रायपुर

व्हीआईपी चौक स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को अज्ञात तत्वों ने तोड़ा
26-Oct-2025 6:13 PM
व्हीआईपी चौक स्थित छत्तीसगढ़ महतारी  की मूर्ति को अज्ञात तत्वों ने तोड़ा

सीएम विष्णुदेव साय-पुलिस हड़ताल कर रही है। दोषी कोई भी हो किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 26 अक्टूबर। शहर के व्हीआईपी चौक  स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को  अज्ञात असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया । यह प्रतिमा कांग्रेस शासनकाल में राममंदिर के पास स्थापित की

गई थी।

घटना बीती रात की बताई जा रही। सुबह वहां से गुजर रहे लोगों की नजर पडऩे पर यह खबर तेजी से फैली। और छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के सदस्यों ने प्रतिमा स्थल पहुंचकर नारेबाजी करते हुए दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों, और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई। पुलिस ने सेना के प्रमुख अमित बघेल सहित कुछ सदस्यों को हिरासत में लिया। मौके पर पहुंचे तेलीबांधा थाने के स्टाफ ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की तलाश पहचान शुरू कर दी है । पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 298 के तहत एफआईआर दर्ज किया है। साथ ही पूरे स्थल को हरे रंग के पर्दे से ढांक दिया गया है। इस घटना पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि राज्य की रजत जयंती के मौके पर मूर्ति को तोड़ा जाना जनता का अपमान है। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। कहीं यह शासन-प्रशासन के कार्यक्रमों से छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीरों को हटाने वाली भाजपा सरकार की करतूत तो नहीं।

वहीं  पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने एक पोस्ट कर घटना पर कहा कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उसी स्थान पर नई मूर्ति स्थापित की जाए। कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने देखने में आया है कि जब से भाजपा की सरकार बनी है छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार संस्कृति पर हमले हो रहे हैं। अब तो छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ी गई है। शुक्ला ने कहा भाजपा छत्तीसगढ़ महतारी की विरोधी रही है। कांग्रेस सरकार ने जब मूर्ति स्थापित की थी, तो भाजपा ने विरोध किया था। हो सकता है। इस घटना के पीछे उसी मानसिकता के लोग शामिल हों।

जोगी कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही से छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर लगातार चोट हो रही है। यह घटना पूर्णत: असफलता और अराजकता को दर्शाने वाली एक कड़ी है। यह घटना केवल एक पत्थर की मूर्ति को नुकसान नहीं, यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति नारी के सम्मान और हमारी सामूहिक आस्था पर एक घिनौना हमला है।


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