रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 अक्टूबर। नवा रायपुर के तूता में धरना प्रदर्शन पर जिला प्रशासन द्वारा दो माह के लिए लगाई गई रोक का विरोध शुरू हो गया है।तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और आप नेता विजय कुमार झा ने कहा है की निर्माण कार्य के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 1 नवंबर राज्योत्सव का दौरा, धरना स्थल के सामने स्टेडियम के समीप राज्योत्सव सभा मैदान होने के कारण धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित किया गया है, जो छत्तीसगढ़ राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर रोक की श्रेणी में आता है। श्री झा ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति अपने घर के किचन का मरम्मत करता है तो क्या दो माह तक खाना बंद कर देता है। पंडरी पुराना बस स्टैंड, ईदगाह भाठा मैदान, नया बस स्टैंड मठपारा, रवि शंकर विश्वविद्यालय स्थित राज्य परिवहन के पुराना डिपो को धरना स्थल तत्काल घोषित करना चाहिए।
राज्य सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग तूता धरना स्थल में ही धरना प्रदर्शन में भाषण देकर अपनी सरकार बनाएं हैं। अब प्रदर्शन पर रोक आगामी सरकार बनाने के मार्ग पर रोक लगाने की श्रेणी में आता है। श्री झा ने कहा है कि आगामी दो माह तक कोई समस्या ना हो, कोई धरना प्रदर्शन ना हो, ऐसा लोकतंत्र में संभव नहीं है। कल 25 अक्टूबर से ड्राइवर महासंध का आंदोलन चक्काजाम आंदोलन है वे कहां एकत्रित होंगे प्रशासन सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मांग की है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश जारी कर, रायपुर राजधानी में धरना स्थल स्थाई रूप से रायपुर में बनाने की मांग की है।झा ने कहा कि
छत्तीसगढ़ में धरना स्थल के रूप में लोकतंत्र में अपनी मांगों धरना, प्रदर्शन, विरोध के लिए तूता धरना स्थान निर्धारित किया गया था, जिसका प्रारंभ से ही कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया था। कांग्रेस की सरकार ने बूढ़ा तालाब से हटाकर धरना स्थल तूता बनाया, अब वह स्वयं धरना करने लायक नहीं रह गई है।


