रायपुर
नोटिस का मकसद वास्तविक कब्जाधारी, और किराया तय करना-डॉ. राज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 अक्टूबर। पुरानी बस्ती मस्जिद की जमीन पर काबिज लोगों को बेदखली की नोटिस पर मचे बवाल के बाद वक्फ बोर्ड ने अपने कदम वापस लिए हैं। गुरुवार को इस नोटिस के उजागर होने के बाद इलाके के रहवासियों के साथ-साथ भाजपा के ही नेताओं (संदीप शर्मा)ने विरोध बुलंद किया था। इस पर बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने अपने सीईओ से जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की बात की थी। मामले की जांच के बाद डॉ. राज ने आज कहा इस नोटिस का भाव ऐसा नहीं था कि बोर्ड हिन्दू भाईयों को ठेस लगे। नोटिस इसलिए दिया गया कि पहले यह पता चले कि निवासरत कौन है। 17 तारीख को नोटिस जारी कर सात दिन का समय दिया गया था। अब हमने अब एक महीने का समय दिया है। इस दौरान सभी काबिज लोग कब्जा संबंधी कागजात पेश कर सकते हैं, और बोर्ड में उपलब्ध कागजात देख सकते हैं। वक्फ बोर्ड का मकसद किसी को बेदखल करना नहीं है, और किसी के व्यवसाय को नुकसान पहुंचाना नहीं है। हम यह चाहते हैं कि जो किराया है उसकी राशि एक बार फिर तय हो जाए। किसी को बेदखल करना न तो बोर्ड का न भाजपा का मकसद है। डॉ. राज ने कहा जरूरत पड़ी तो तीन माह से एक साल का समय भी दिया जा सकता है।


