रायपुर

महीनों से एएसआई की कमान में है राजधानी का जीआरपी थाना !
17-Oct-2025 8:15 PM
महीनों से एएसआई की कमान में है राजधानी का जीआरपी थाना !

बाहरी थानों में तीन टीआई फिर भी कमी बताई जा रही...।

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 17 अक्टूबर। राजधानी और वह भी रेल मंडल मुख्यालय के स्टेशन के जीआरपी थाने की कमान सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को सौंपा जाना महकमे में  चर्चा का विषय बना हुआ है। एसपी रेल रायपुर का कार्य क्षेत्र बिलासपुर जोन के दो मंडल  बिलासपुर के के रायगढ़ और पेंड्रा रोड से लेकर रायपुर के डोंगरगढ़ से बालोद तक विस्तारित है। इन रेल रूट में अपराध नियंत्रण के लिए पांच थाने और 7 चौकियां संचालित हैं। इनमें रायपुर, राजधानी मुख्यालय का थाना अहम है। इनके अलावा डोंगरगढ़,  भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़ में थाने हैं। वहीं राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, भाठापारा,चांपा, पेंड्रा रोड में चौकियां हैं। राजधानी का थाना बीते छ माह से एएसआई की कमान में है। वह भी एक एस?आई को हटा?कर पदस्थ किया गया था। अब यह एस?आई रिटायर भी हो चुका हैं। सामान्य पुलिसिंग के मुताबिक थाने की कमान इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को दिए जाने के नियम और परंपरा है। उपलब्ध न होने की स्थिति में सब इंस्पेक्टर (एसआई)पदस्थ किए जाते रहे हैं। पूर्ववर्ती मप्र काल में भी इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर ही रहें हैं।लेकिन इस समय जीआरपी रायपुर में महीनों से एएसआई पदस्थ हैं। ऐसा नहीं है कि महकमे में इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर नहीं है। तीन इंस्पेक्टर हैं जो राजधानी के मुकाबले कम संवेदनशील थानों में पदस्थ हैं। इनके स्टेशन डोंगरगढ़ , भिलाई, बिलासपुर पासिंग स्टेशन माने जाते हैं। रायपुर थाने में एएसआई होने से मातहत हवलदार या सिपाही  उतनी गंभीरता से नहीं लेते जितना दबाव इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर के आदेशों पर होता है। इतना ही नहीं एएसआई होने से आरपीएफ के साथ अंतर विभागीय बैठक या यात्री सुरक्षा अभियानों में भी जीआरपी को बैकफुट पर रहना पड़ता है। नतीजतन इसके चलते बात बात पर डीएसपी या एसपी को फील्ड में उतरना पड़ता है। इससे जीआरपी की पुलिसिंग पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है।

 इतने अहम थाने में इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर की पोस्टिंग को लेकर स्टाफ की कमी बताई जा रही है। ऐसे में पीएचक्यू से इनकी मांग की जा सकती है।  हाल में पीएचक्यू ने दर्जनों इंस्पेक्टर एस?आई, पदोन्नत किए हैं। जो पीएचक्यू या रिजर्व लाइन में खाली बैठे हैं। या फिर जीआरपी में ही उपलब्ध तीन में से एक को रायपुर स्थानांतरित किया जा सकता है। जीआरपी सूत्रों का कहना है कि देशभर में कम से कम राजधानी जिले के जीआरपी थाने में एएसआई की पोस्टिंग का ऐसा प्रयोग रायपुर को छोड़ और कहीं नहीं है।


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