रायपुर

किशोरियों के आत्मविश्वास- जागरूकता के लिए ‘The Awkward Age’ का विमोचन
14-Oct-2025 5:13 PM
किशोरियों के आत्मविश्वास- जागरूकता के लिए ‘The Awkward Age’ का विमोचन

रायपुर, 14 अक्टूबर। भारत में किशोरियों के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास पर आधारित पहली ग्राफिकल स्टोरीबुक “The Awkward Age” का आज विमोचन हुआ। यह आयोजन प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों, अभिभावकों और किशोर बालिकाओं की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

‘The Awkward Age’ सिर्फ़ एक किताब नहीं, बल्कि हर किशोरी की कहानी है। यह किताब उस दौर की बात करती है जब एक लड़की अपने जीवन के सबसे संवेदनशील और उलझनभरे समय ‘किशोरावस्था’ से गुजरती है।

किताब में “जीजी” नामक एक प्यारी, आत्मविश्वासी और जिज्ञासु किशोरी की कहानी है, जो हर लड़की के अंदर छिपे डर, सवाल और भावनाओं को आवाज़ देती है। जीजी की नज़र से यह किताब बताती है कि कैसे एक किशोरी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ते हुए आत्मनिर्भर बन सकती है।

क्यों ज़रूरी है यह किताब समाज और अभिभावकों के लिए

आज के समय में किशोरियों के सामने सिर्फ़ शारीरिक बदलाव ही नहीं, बल्कि भावनात्मक चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं।

पढ़ाई का दबाव, सोशल मीडिया का प्रभाव, शारीरिक असुरक्षा, पीरियड्स से जुड़ी झिझक, और लैंगिक संवेदनशीलता जैसे विषयों पर खुलकर बात करना अब भी मुश्किल है।

“The Awkward Age” ऐसे सभी विषयों पर बिना झिझक, सरल और संवेदनशील भाषा में चर्चा करती है।

यह किताब न केवल किशोरियों को आत्मविश्वास देती है, बल्कि अभिभावकों को भी यह समझने में मदद करती है कि इस आयु में बच्चों से कैसे संवाद करें और उनका साथ दें।

यह पुस्तक Infano.Care ब्रांड के तहत प्रकाशित की गई है। इसे करुणाकर बट्टा (संस्थापक, Infano.Care) ने लिखा है, आशीष खरे (सह-संस्थापक, Infano.Care) ने समीक्षा की है, और इसका संपादन रौशी खान ने किया है।

पुस्तक के लेखक करुणाकर बट्टा का कहना है — “हमारी समाज में किशोरियों से जुड़ी कई बातें अब भी पर्दे के पीछे हैं। ‘The Awkward Age’ के माध्यम से हम चाहते हैं कि हर लड़की खुद को समझे, अपनी भावनाओं को पहचाने और अपनी स्वतंत्र सोच के साथ आगे बढ़े।”


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