रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 सितम्बर। नव नियुक्त ग्रामोद्योग मंत्री गजेंद्र यादव ने विभाग की समीक्ष बैठक में रेशम, हथकरघा, खादी, हस्तशिल्प एवं माटीकला बोर्ड की कार्यप्रगति का विस्तार से आकलन किया गया।
मंत्री श्री यादव को बताया गया कि राज्य में लगभग 3.15 लाख हितग्राही ग्रामोद्योग के विभिन्न कुटीर उद्योगों से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों और विकासखंडों में रीपा भवनों में ग्रामोद्योग की गतिविधियाँ संचालित कर अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि दोना-पत्तल, कांसा, गोबर से जैविक खाद, पपीता से गुलकंद, फर्नीचर जैसे छोटे उद्योगों की स्थापना कर हितग्राहियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिससे नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
इसके अलावा राज्य शासन ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि शासकीय विभागों में केवल राज्य के बुनकरों और कारीगरों द्वारा निर्मित सामग्री की ही आपूर्ति हो। साथ ही रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में शिल्प ग्राम एवं शिल्प नगरी के निर्माण की कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि कारीगरों को बेहतर विपणन सुविधा मिले और राज्य की शिल्पकला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सके। बैठक में सचिव सह संचालक ग्रामोद्योग श्याम धावड़े, प्रबंध संचालक हस्तशिल्प एवं माटीकला बोर्ड जे. पी. मौर्य, उप सचिव अर्न मरकाम, अपर संचालक रेशम डॉ. राजेश बघेल, संयुक्त संचालक हथकरघा अ. अयाज़ सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।