रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 सितम्बर। राज्य के प्रमुख कर्मचारी नेता भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने शासन द्वारा धरना प्रदर्शन रैली निकालने के लिए तरह तरह नियम बनाकर आंदोलन को कुंद कर विफलकर कुचलने की प्रयास निरूपित कर निंदा की है। उन्होंने इस जबरिया अलोकतांत्रिक आदेश को तुरंत निरस्त करने और आंदोलन के लिए बनाए गए पूर्व नियम प्रक्रिया को जारी रखने की मांग की है।
महासंघ की श्रीमती द्रौपदी यादव ,पूरन सिंह पटेल, बी के वर्मा, आर एन ताटी,जे पी मिश्रा, अनिल गोल्हानी, टी पी सिंह, बी एस दशमेर , प्रवीण कुमार त्रिवेदी, आर जी बोहरे, एम एन पाठक, ओ डी शर्मा, नरसिंग राम, एम आर वर्मा, हरेंद्र चंद्राकर, श्रीमती वंदना मिश्रा आदि ने इस नियम को दमनकारी बताते हुए इसे विष्णु देव साय सरकार को अधिकारियों द्वारा गुमराह कर बदनाम करने का साजिश करार दिया है। कर्मचारी नेताओं ने आगे बताया कि आंदोलन करने के लिए शुल्क लेने का नई परम्परा प्रावधान कर सरकार विरुद्ध होनेवाली आंदोलन को अपना कमाई का जरिया बनाने जा रही है। इस तानाशाही रवैए से संपूर्ण कर्मचारी जगत में रोष व्याप्त हो गया है और हर ओर इस तुगलकी फरमान को लेकर चर्चा हो रही है।
कि संसद से सडक़ कई वर्षों तक आंदोलन करने के बाद सत्तारूढ़ संवेदनशील भाजपा सरकार को इस प्रकार गलत सलाह देने का काम किन लोगों के द्वारा किया जा रहा है, उसे चिन्हित कर सरकार को सावधान रहने की सलाह दिया है। उन्होंने इस जनविरोधी आदेश को तुरंत संज्ञान में लेकर मुख्यमंत्री से इस निरंकुश फरमान पर रोक लगाने की मांग की है।