रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 सितम्बर। कृषि कारोबारियों के,18 ठिकानों में 20 घंटे की छानबीन के बाद ईडी की टीमें बीती आधी रात लौट आईं। इस दौरान टीमों ने 575 करोड़ के डीएमएफ घोटाले से जुड़े कई इलेक्ट्रॉनिक और टेंडर से संबंधित पेपर सबूत जब्त किए गए हैं। इसके आधार पर ईडी कड़ई अन्य लोगों की ओर रूख कर सकती है।
जानकारी अनुसार यह छापेमारी कृषि उपकरण सप्लाई में जिला खनिज निधि (डीएमएफ) राशि के अनाप-शनाप खर्च को लेकर की गई है। इसके लिए निलंबित आईएएस रानू साहू के डॉयरेक्टर एग्रीकल्चर के एमडी के कार्यकाल के दौरान खरीदी सप्लाई के टेंडर नियमों में बड़ा हेरफेर किया गया ? । इतना ही नहीं फर्जी प्रोजेक्ट बनाए गए, मटेरियल सप्लाई, ट्रेनिंग, मेडिकल उपकरण खरीदी भी डीएम?एफ से जोड़ा गया। असली विकास निर्माण कार्यों को दरकिनार कर कमीशन वाले टेंडर पास कराए गए। ईडी ने यह भी पुष्टि की है कि टेंडर की राशि में से 42त्न तक कमीशन अधिकारियों को दिए जाते रहे। इस घोटाले का किंगपिन मनोज कुमार द्विवेदी था जो वर्तमान में जेलयाफ़्ता है। उसने अपने एनजीओ फर्म उद्गम सेवा समिति के नाम से डीएमएफ के कड़ाई ठेके हासिल किए थे। या उसे ही दिए गए ??और इसका कमीशन डायरेक्टर और अन्य अफसरों नेताओं तक पहुंचाया गया था। इस तरह से कुल 575 करोड़ की राशि डीएमएफ घोटाले की भेंट चढ़ी।
इनके यहां ईडी पहुंची थी
ईडी की टीमे बुधवार सुबह रायपुर में शंकर नगर चौपाटी के पास रहने वाले विनय गर्ग, ला विस्टा अमलीडीह निवासी पवन पोद्दार, शांति नगर भिलाई के विवेकानंद कॉलोनी निवासी सीए आदित्य किशन दिनोदिया, भिलाई-3 वसुंधरा नगर निवासी शिवकुमार मोदी, राजिम के उगमराज कोठारी नामक कारोबारी के घर ऑफिस।