रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। प्रदेश के एक बड़े हिस्से में मानसून सक्रिय बना हुआ है। राजधानी रायपुर में भी तडक़े अच्छी बारिश हुई। और ,8 बजे के बाद थम गई ? लेकिनदिन भर बादल बदली बना रहा। इस बारिश से लोग शहर के क?ई इलाकों में जल भराव की स्थिति से जूझ रहे हैं। पानी सडक़, गलियों से लेकर घरों तक में भर गया है। इसकी निकासी के लिए निगम अमले की सक्रियता की कोई सूचना जानकारी नहीं है।
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि प्रदेश में मानसून सामान्य स्थिति में सक्रिय है। 22 जुलाई के बाद से इसका क्षेत्र और मात्रा बढऩे के आसार हैं। 26-27 को यह उच्चतम स्तर पर रहेगा। कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। आज प्रदेश में एक दो स्थानों पर भारी बारिश के साथ बादल गरजने के आसार हैं।
डेढ़ माह में सामान्य से दो
फीसदी अधिक बारिश
बीते डेढ़ माह के दौरान मानसून प्रदेश के 10 जिलों में सामान्य से अधिक तो 16 जिलों में सामान्य रहा। जबकि 4 जिलों में कमी बनी हुई है। बलरामपुर में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई। इनके अलावा बिलासपुर, जांजगीर, कोरिया,एमएमसी, मुंगेली, रायगढ़, सक्ती, सारंगढ़ बिलाईगढ़ और सूरजपुर में सामान्य से अधिक हुई। वहीं राजधानी रायपुर समेत 16 जिलों में सामान्य बारिश ही हुई। जबकि बेमेतरा, कोंडागांव, नारायणपुर और सुकमा में कमी बरकरार है। वैसे पूरे प्रदेश में चालू मानसून सीजन में शनिवार तक कुल 427.2 मिमी बारिश हुई जो सामान्य से मात्र 2 फीसदी अधिक है।
जलाशयों में 50 फीसद जलभराव, 4 से पानी छोड़ा गया
जल संसाधन विभाग द्वारा 19 जुलाई को जारी टैंक गेज रिपोर्ट के अनुसार राज्य के प्रमुख सिंचाई जलाशयों में अब तक 49.78 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। वहीं राज्य के कई जलाशयों से पानी छोड़ा गया है। खारंग, मनियारी, केलो और सीतानदी बेसिन के जलाशयों से जल छोड़ा गया है। जल संसाधन विभाग ने जलाशयों की सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं।
बिलासपुर स्थित खारंग डेम और दुर्ग जिले का खपरी जलाशय लबालब हो गया है। राज्य के कुल 46 प्रमुख जलाशयों में से झुमका जलाशय में 98.84 प्रतिशत, मनियारी जलाशय 90 प्रतिशत से अधिक, जबकि छरपानी जलाशय में 91 प्रतिशत से अधिक जलभराव हुआ है।
मिनीमाता बांगो डेम (कोरबा) में अब तक 52.78 प्रतिशत जलभराव हुआ है, रविशंकर सागर (धमतरी) में 53.26 प्रतिशत, तांडुला डेम (बालोद) में 29.29 प्रतिशत, दुधावा डेम में 21.87 प्रतिशत, सिकासार डेम में 45.21 प्रतिशत, सोंढूर में 23 प्रतिशत, मुरूमसिल्ली डेम में 21.57 प्रतिशत, कोडार डेम में 38.11 प्रतिशत, केलो डेम में 30.96 प्रतिशत जलभराव हुआ है। राज्य के 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं मेें शामिल खारंग डेम (बिलासपुर) में 100 प्रतिशत जलभराव दर्ज किया गया है, जो सर्वाधिक भराव वाले जलाशयों में शामिल है। मनियारी डेम (मुंगेली) में जल स्तर 93.17 प्रतिशत तक पहुंच गया है, छोटे जलाशयों जैसे झुमका डेम (कोरिया) और छिरपानी (कबीरधाम) में क्रमश: 98.84 प्रतिशत और 91.14 प्रतिशत जलभराव हो चुका है।
इसी तरह अरपा भैंसाझार (बिलासपुर) और मायना (कांकेर) जैसे जलाशयों में 30 प्रतिशत से भी कम, गोंदली डेम (बालोद) में 30.24 प्रतिशत और कोसारटेडा डेम (बस्तर) में 42.57 प्रतिशत जलभराव हुआ है। खरखरा डेम में 22.15 प्रतिशत, परलकोट डेम में 36.44 प्रतिशत, श्याम डेम सरगुजा में 69.38 प्रतिशत, पिपरिया नाला डेम में 77.64 प्रतिशत, बलार डेम में 23.04 प्रतिशत, सुतियापात जलाशय में 67.74 प्रतिशत, मोंगरा बैराज में 62.62 प्रतिशत, मरोदा जलाशय में 38.62 प्रतिशत, सरोदा दादर में 41.03 प्रतिशत, घोंघा जलाशय में 82.84 प्रतिशत, मटियामोती जलाशय में 28.51 प्रतिशत, झुमका जलाशय में 98.84 प्रतिशत, खमारपकुट डेम में 86.11 प्रतिशत, कर्रानाला बैराज में 72.64 प्रतिशत, किंकारी नाला में 80.31 प्रतिशत, सुखा नाला बैराज 72.95 प्रतिशत, कुम्हारी डेम रायपुर में 40.44 प्रतिशत, धारा जलाशय राजनांदगांव में 46.44 प्रतिशत तथा रूसे डेम में 54.47 प्रतिशत जल भराव हो चुका है।