रायपुर

11 जिलों को कैटरेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलॉग फ्री स्टेटस
20-Jul-2025 7:10 PM
11 जिलों को कैटरेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलॉग फ्री स्टेटस

डेढ़ वर्षों में 1.80 लाख से मोतियाबिंद ऑपरेशन

रायपुर, 20 जुलाई। प्रदेश में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय नेत्र ज्योति योजना संचालित है, जिसके अंतर्गत सभी जिलों को ‘‘कैटरेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलॉग फ्री स्टेटस’’ (सीबीबीएफएस) प्रदान किया जाना है। इसमें  दोनों आंखों में मोतियाबिंद से दृष्टिहीन रोगियों की पहचान कर उन्हें दृष्टिहीनता से मुक्त किया जाता है।

राज्य में अप्रैल 24 से मार्च 25 तक 1,45,580 तथा अप्रैल  से जून 25 तक 27,245 मोतियाबिंद ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए हैं।

अब तक राज्य के 11 जिलों — कबीरधाम, रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार, बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव, खैरागढ़, रायगढ़, कोरबा एवं बस्तर — को दृष्टिहीनता मुक्त घोषित किए जाने हेतु दावा भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। वहीं कांकेर एवं बेमेतरा जिलों का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा।

दृष्टिहीनता के एक अन्य प्रमुख कारण ग्लॉकोमा की भी पहचान और उपचार हेतु विभाग सजग है। यह आंख की एक जटिल बीमारी है, जिसकी प्रारंभिक अवस्था में रोगी को जानकारी नहीं होती और जब पता चलता है, तब तक दृष्टि का ह्रास हो चुका होता है।

 इसकी गई दृष्टि वापस नहीं लाई जा सकती। इसकी पहचान केवल नियमित नेत्र परीक्षण से ही संभव है। अत: 40 वर्ष की आयु के बाद प्रत्येक 6 माह में नेत्र परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है। राज्य के सभी विकासखंड केन्द्रों में इसकी जांच की सुविधा उपलब्ध है।

कॉर्नियल दृष्टिहीनता की रोकथाम के लिए कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना भी संचालित की जा रही है। जनजागरूकता के माध्यम से नेत्रदान को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 263 और अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 88 नेत्रदान  हुए हैं।

 ग्लॉकोमा, रेटिना, डायबिटिक रेटिनोपैथी, पीडियाट्रिक ऑप्थैल्मोलॉजी सहित अन्य नेत्र रोगों का उपचार किया जाता है। अप्रैल 24 से मार्च 25 तक ऐसे 81,000 से अधिक तथा अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 25,000 से अधिक रोगियों का उपचार किया गया है।


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