रायपुर

सपनों को मिला नया आसमान, सुकमा की बेटियां बनीं मिसाल
11-Jul-2025 3:21 PM
सपनों को मिला नया आसमान, सुकमा की बेटियां बनीं मिसाल

एएम-एनएस इंडिया की स्कॉलरशिप ने बदली जिंदगी की दिशा

रायपुर, 11 जुलाई। छत्तीसगढ़ के सुदूर और शांत अंचल सुकमा के कुम्हारास गांव की कच्ची गलियों में उम्मीद ने एक नया रंग लिया — जहाँ मिट्टी से सने पाँवों और सपनों से भरी आँखों के साथ दो बहनों, नीलोटी नाग और मुरोटी नाग ने वो कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

एक मां, जो खुद कभी स्कूल की चौखट भी न लांघ सकी, लेकिन दिल में यह ठान लिया था मेरी बेटियाँ ज़रूर पढ़ेंगी, चाहे जैसे भी हालात हों। अस्पताल में सफाईकर्मी के रूप में काम करते हुए दिन-रात मेहनत कर उन्होंने अपनी बेटियों को पढ़ाने का संकल्प निभाया। आर्थिक तंगी, सामाजिक दबाव और संसाधनों की कमी कभी उनकी राह में दीवार तो बनी, लेकिन कभी मंजि़ल से हौसले नहीं डिगे।

नीलोटी और मुरोटी ने बारहवीं तक की पढ़ाई किसी तरह पूरी तो कर ली, लेकिन आगे का रास्ता धुंधला था — जब तक कि एएम-एनएस इंडिया की ‘बेटी पढ़ाओ स्कॉलरशिप’ उनकी जि़ंदगी में रोशनी बनकर नहीं आई। यह महज़ आर्थिक सहायता नहीं थी — यह उनकी उम्मीदों की उड़ान थी, जिसने उन्हें नये आकाश से जोड़ा।

एएम-एनएस इंडिया, देश के अग्रणी स्टील निर्माता, ने सीएसआर पहल के अंतर्गत क्कह्म्शह्लद्गड्डठ्ठ द्गत्रश1 ञ्जद्गष्द्धठ्ठशद्यशद्दद्बद्गह्य के साथ मिलकर ‘विद्यासारथी’ पोर्टल के माध्यम से इस योजना को घर-घर तक पहुँचाया है। इस स्कॉलरशिप ने नीलोटी को कॉलेज की डिग्री की ओर पहला कदम रखने का साहस दिया, वहीं मुरोटी ने ढ्ढञ्जढ्ढ में तकनीकी शिक्षा की राह चुनी। आज दोनों बहनें अपने जीवन की दिशा तय कर रही हैं — आत्मनिर्भरता, आत्मसम्मान और आत्मबल के साथ।

 

उनकी यात्रा हर उस बेटी के लिए एक रौशनी की किरण है, जो संसाधनों की कमी के कारण सपनों को अधूरा छोड़ देती है। ये बहनें आज सिर्फ पढ़ाई नहीं कर रहीं — वे एक नई सोच, एक नया संदेश दे रही हैं — अगर हमें मौका मिले, तो हम भी सितारों को छू सकते हैं।

‘बेटी पढ़ाओ स्कॉलरशिप’ केवल एक आर्थिक योजना नहीं, यह ग्रामीण भारत की उस छुपी हुई प्रतिभा को पहचानने और उसे पंख देने का नाम है। यह साबित करता है कि अगर किसी लडक़ी को सही दिशा और समय पर सहयोग मिल जाए, तो वह न केवल अपने परिवार की, बल्कि पूरे समाज की तक़दीर बदल सकती है।


अन्य पोस्ट