रायपुर

मोक्ष की राह पर गुरु के आशीर्वाद के बिना नहीं चला जा सकता- हंसकीर्ति
10-Jul-2025 8:39 PM
मोक्ष की राह पर गुरु के आशीर्वाद के  बिना नहीं चला जा सकता- हंसकीर्ति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 10 जुलाई। दादाबाड़ी में आत्मोत्थान चातुर्मास 2025 के  दूसरे दिन गुरुवार को गुरू पूर्णिमा के अवसर पर साध्वी हंसकीर्ति श्री ने कहा कि जो व्यक्ति सांसारिक मोह-माया को त्यागकर गुरु के चरणों में समर्पित होता है, उसका जीवन निश्चित ही कल्याण की ओर अग्रसर होता है। आज के समय में अधिकांश लोग अपनी मनमर्जी से जीवन जीना चाहते हैं। स्वतंत्रता की ऐसी परिभाषा बन गई है कि लोग माता-पिता के साथ रहना भी बंधन मानने लगे हैं, तो गुरु को स्वीकारना तो उनके लिए बहुत दूर की बात है। लेकिन यह बंधन नहीं, बल्कि जीवन को मर्यादा और अनुशासन प्रदान करने वाला दिव्य संबंध है। गौतम स्वामी के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए साध्वीजी ने कहा — जब एक जिज्ञासु ने पूछा कि आप प्रभु को सुबह या शाम कब स्मरण करते हैं, तो स्वामीजी ने कहा, मैं न सुबह करता हूं, न शाम। यह सुनकर जिज्ञासु चौंक गया। तब गौतम स्वामी ने समझाया — हमें प्रभु को इस प्रकार हृदय में बसा लेना चाहिए कि अलग से स्मरण की आवश्यकता ही न पड़े।

साध्वी श्रीजी ने स्पष्ट किया — ‘गुरु’ शब्द दो अक्षरों से बना है — ‘गु’ अर्थात अंधकार और ‘रु’ अर्थात उसे समाप्त करने वाला। जो अज्ञान रूपी अंधकार को मिटा दे, वही सच्चे अर्थों में गुरु होता है। ऐसा गुरु जो संयमी हो, महाव्रतधारी हो, स्वयं संसार-सागर से पार हो।


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