रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 जुलाई। छत्तीसगढ़ आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा राज्य सरकार के बनाए नियमों के खिलाफ रावतपुरा समेत अन्य यूनिवर्सिटियों की फीस तय कर दी है। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार 2008 में छत्तीसगढ़ फीस नियामक समिति का गठन किया है। इस समिति को प्रदेश के सभी मेडिकल,इंजिनियरिंग, नर्सिंग,फार्मेसी, सहित सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रम के कालेजों की फीस तय करने का अधिकार दिया गया है ।
आयोग के अध्यक्ष ने अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर बी फार्मेसी व एम फार्मेसी की राज्य सरकार द्वारा निर्धारित फीस से तीन गुना ज्यादा फीस तय कर दिया है । राज्य सरकार ने इसके लिए 39300 रूपए फीस तय की है , लेकिन आयोग ने इसे 1 लाख 20 हजार कर दिया है ।यह प्रदेश के पालको की जेब पर सीधे डाका है और शासन के नियमों की धज्जियां उड़ानें का मामला है । वि.वि विनियामक आयोग का मूल काम निजी यूनिवर्सिटियो पर नियंत्रण रखना है,और छात्रों के हित की रक्षा करना है । परंतु आयोग अपना मूल काम छोडकर निजी यूनिवर्सिटियो की सेवा में लग कर छात्रों के हितो पर कुठाराघात कर रही है ।
ठाकुर ने मुख्यमंत्री विष्णु साय से मांग की है कि विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा किए गए उक्त कृत्यों की उच्च स्तरीय जांच कराए और इस गैरजिम्मेदाराना काम करने का जो भी दोषी है,उस पर कड़ी कार्रवाई करे ।