रायपुर

फंड नहीं,रिफंड चाहिए- झा, पेंशन फंड अर्थहीन- नामदेव
01-Jul-2025 7:06 PM
फंड नहीं,रिफंड चाहिए- झा, पेंशन फंड अर्थहीन- नामदेव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 1 जुलाई। सेवानिवृत्ति राज्य कर्मियों के ग्रेच्युटी पेंशन दायित्वों के भुगतान के लिए फंड गठित करने के साय कैबिनेट के सोमवार को लिए निर्णय का चहुंओर विरोध शुरू हो गया है। खासकर कर्मचारी संघों के  नेता इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन के संरक्षक विजय कुमार झा ने बताया है कि राज्य सरकार के मंत्री परिषद में पेंशन फंड बनाने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना, उसके बाद अंशदायी पेंशन योजना और अब एक अप्रैल 25 से एकीकृत पेंशन योजना लागू की है। इससे अधिकारी कर्मचारी भ्रम की स्थिति में हैं। सेवानिवृत्ति के बाद सेवानिवृत कर्मचारी व मृत्यु उपरांत आश्रित परिवार पेंशन के लिए भटक रहे हैं। अनेकों विभाग में पेंशन के लिए हजारों रुपए भ्रष्टाचार के भी शिकायत सामने आए हैं। प्रदेश का शासकीय सेवक छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के बदले छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारियों के जमा राशि को रिफंड चाह रही है। जिसमें 2004 के बाद लागू अंशदायी पेंशन योजना का 17400 करोड रुपए कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई एनएसडीएल कंपनी में जमा है। जो शेयर मार्केट में रोलिंग हो रहा है। एनपीएस योजना में सेवानिवृत कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन 7500 दिया जा रहा है किंतु एनएसडीएल कंपनी में जमा राशि को चालान से वापस करने के बाद ही पेंशन का निराकरण हो पा रहा है। इससे अनेक प्रकरण अटके हुए हैं। इसके विरोध के बाद छत्तीसगढ़ मैं श्री भूपेश बघेल की सरकार ने 1 अप्रैल 22 से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की। कर्मचारियों ने उत्साह पूर्वक उसका स्वागत किया और इसी तिथि से प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि खाते की राशि कटौती होना प्रारंभ हो गई है। प्रतिमाह कर्मचारियों के खाते से 12त्न राशि जमा हुई। किंतु वह राशि जो कि केंद्र ने पुरानी पेंशन योजना को स्वीकृति नहीं दी इसलिए महालेखाकार? कार्यालय में पृथक खाता में यह राशि जमा हो रही है। लेकिन यह कर्मचारी के खाते में नहीं आ रही है। यह राशि भी करोड़ों रुपए में है। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ सरकार को पेंशन फंड बनाने के बदले उक्त दोनों जमा राशि को रिफंड करने की इच्छा शक्ति व आवश्यकता है।

 पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज नायक, उमेश मुदलियार, सी एल दुबे, बीपी कुरील, विश्वनाथ ध्रुव, आदि ने वित्त मंत्री  ओपी चौधरी से फंड के बदले रिफंड करने की मांग की है।

फंड बात अर्थहीन- नामदेव

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने कहा है कि राज्य में  संभाग और जिलों में पेंशन कार्यालय खोले बिना कैबिनेट निर्णय में पेंशन फंड की बात अर्थहीन है। महासंघ की मांग पर राज्य सरकार ने इंद्रावती भवन में कोष लेखा एवं पेंशन से पेंशन को अलग पेंशन संचालनालय का 2 साल पहले स्थापना कर दिया है, परंतु संभाग और जिला स्तर पर पेंशन कार्यालय खोलने में विलंब होने से पेंशनरों का क्लेम अभी भी संभाग स्तर पर संयुक्त संचालक कोष लेखा पेंशन और जिला स्तर पर जिला कोषालय से संचालित हो रहा है। जहां पेंशनर्स  के सभी कार्य अत्यधिक विलंब से हो रहे है, राज्य के पेंशनर परेशान हैं।जिसके कारण पृथक पेंशन संचालनालय की स्थापना महज खानापूर्ति बनकर रहकर रह गया है।

इसे संज्ञान में लेकर तत्काल संभाग और जिलों में  पेंशन कार्यालय खोलने हेतु जरूरी कार्यवाही करने की मांग की है।

प्राचार्य पदोन्नति पर  हाईकोर्ट का फैसला सत्य की जीत -फोरम

दस वर्ष से लंबित प्राचार्य पदोन्नति को  लेकर हाईकोर्ट के आज के फैसले का  प्राचार्य फोरम ने  स्वागत किया है। फोरम के अनिल शुक्ला,राकेश शर्मा, आर के झा,श्याम कुमार वर्मा एवं मलखम वर्मा ने  आदेश को  सत्य की जीत कहा है।फोरम ने   स्कूल शिक्षा विभाग से मांग किया है कि जिनका नाम 30 अप्रैल को जारी पदोन्नति आदेश में सम्मिलित है यदि वह सेवानिवृत हो गए हो तो भी उन्हें प्राचार्य पदोन्नति का लाभ देना चाहिए। फोरम की ओर से प्राचार्य पदोन्नति के लिए  मुख्य मंत्री विष्णुदेव साय तथा सचिव स्कूल शिक्षा एवं संचालक लोक शिक्षण के प्रति आभार व्यक्त किया है।


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