रायपुर

विशेष दिव्यांग बच्चों के स्पेशल एजुकेटर्स ने सीएम साय से मिल संविलयन की मांग की
27-Jun-2025 7:58 PM
विशेष दिव्यांग बच्चों के स्पेशल एजुकेटर्स ने सीएम साय से मिल संविलयन की मांग की

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 27 जून। विशेष दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने वाले समावेशी समन्वयक बीआरपी एवं स्पेशल एजुकेटर्स  संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय से भेंट की। और महाराष्ट्र उड़ीसा झारखंड की तरह अपने संविलयन की मांग की।

 मुख्यमंत्री ने जल्द ही सकारात्मक कार्यवाही की भरोसा दिलाया है । पदाधिकारियों ने कहा कि इन  राज्यों में धीरे-धीरे पूर्व में कार्यरत सभी विशेष शिक्षकों के लिए सेवा की बेहतर व्यवस्था और  संविलियन किया जा रहा है।

राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में विकासखंड स्तर पर कुल 240 बीआरपी समावेशी समन्वयक एवं विशेष शिक्षक विगत 14 से 18 वर्षों से कार्यरत हैं ।छत्तीसगढ़ में कुल दिव्यांग बच्चों की संख्या 76000 से भी अधिक है और सिर्फ इन्हीं 240 विशेष शिक्षकों की सहायता से इन सभी दिव्यांग बच्चों का अध्ययन अध्यापन  की सुविधा दी  जा रही है। अभी वर्तमान में राज्य शासन ने नवीन नियमित विशेष शिक्षक के पदों की स्वीकृति दी है। यह स्वीकृति पूर्णता सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार की जा रही है  सर्वोच्च न्यायालय से शासन को प्राप्त निर्देशानुरूप कुल 848 विशेष शिक्षक के पद अस्तित्व में आ चुके हैं। इन पदों का राजपत्र में प्रकाशन किया जा चुका है।

 छत्तीसगढ़ प्रदेश स्पेशल एजुकेटर संघ के अध्यक्ष सौम्य देवांगन के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि पूर्व में कार्य 240 विशेष शिक्षकों को शासन द्वारा स्वीकृत नए विशेष शिक्षक के पदों में संविलियन करने की कार्यवाही जल्द से जल्द की जाने की मांग की जा रही है।  शासन इन स्वीकृत  पदों में  सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार जो विगत समय में दिव्यांग बच्चों के लिए सेवाएं दे रहे हैं उनके साथ स्वीकृत नए पदों में  नियमितीकरण या भर्ती में विशेष सुविधाएं या आरक्षण प्रदान करने की बात की गई है लेकिन संघ के अध्यक्ष सौम्य देवांगन के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 240 में से लगभग 107 साथी ऐसे हैं जिन्होंने विगत 14 से 15 साल तक सेवा देते देते दिव्यांग बच्चों के लिए कार्य करते-करते उनकी उम्र 50 वर्ष से भी अधिक हो चुकी है संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके पास एकमात्र  विकल्प यह है कि शासन प्रशासन उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए  स्वीकृत 848 पदों में परीक्षण का संविलियन करे।

 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार भी पूर्व में कार्यरत सभी विशेष शिक्षकों के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर संविलियन की कार्यवाही की अपेक्षाएं रखी गई है। संघ के प्रांत अध्यक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुन: छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 15 जुलाई को  सर्वोच्च न्यायालय को को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। जिसमें नए पदों की भर्ती एवं पूर्व में कार्यरत कर्मचारियों के लिए राज्य शासन को संवेदनशीलता का परिचय देना होगा वर्तमान में 76000 दिव्यांग बच्चों के लिए कार्य कर रहे इन विशेष शिक्षकों को शासन द्वारा सविलियन करने की अपेक्षा है।


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