रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 जून। दिवंगत शासकीय सेवकों के परिजनों को योग्यता के अनुरूप अनुकंपा नियुक्ति देने के नियम के बाद भी विभाग योग्यता अनुसार नियुक्ति नहीं दे रहे हैं। उन्हें पटवारी बनने के लिए विवश किया जा रहा है।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि गृह मंत्री श्री विजय शर्मा द्वारा आज सद्भावनापूर्ण एवं साहसिक निर्णय लेकर शहीद परिजनों को विभाग एवं पद, स्थान चयन करने की सुविधा दी गई है। जो नि:संदेह छत्तीसगढ़ की माटी में स्वागत योग्य है। श्री झा ने कहा है कि प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को भी तृतीय श्रेणी के पदों पर 10त्न का सीमा बंधन तत्काल हटाया जाना चाहिए, क्योंकि दिवंगत शासकीय सेवकों के कार्यालय में आज भी हजारों की संख्या में तृतीय श्रेणी का पद रिक्त है। राज्य सरकार न तो रिक्त पदों पर भर्ती की ओर रुचि ले रही है और न ही अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण किया जा रहा है। श्री झा ने तृतीय श्रेणी के बदले पटवारी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की निंदा करते हुए कहा है कि पटवारी का पद भी जिलों में रिक्त न होने के कारण नियुक्ति नहीं मिल रही है। जिन्हें मिल रही है उन्हें साल डेढ़ साल प्रशिक्षण तथा अन्य दूरस्थ जिलों में पदस्थापना का मार झेलना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व गृह मंत्री विजय शर्मा से तृतीय श्रेणी के पदों पर सीमा बंधन हटाए जाने की मांग की है। इसी प्रकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा आदेश जारी कर मृत शासकीय कर्मचारियों के परिजनों को तुरंत पीएफ की राशि भुगतान का निर्णय लिया गया है, किंतु छत्तीसगढ़ राज्य में 1 अप्रैल 22 से जमा जीपीएफ की राशि का ना कोई हिसाब है, ना कोई पता है, प्रतिमाह वेतन से काटने वाला राशि आखिर कहां जमा हो रहा है, फिर कैसे मृत्यु होने पर कर्मचारियों को तत्काल भुगतान होगा यह आदेश भ्रम पूर्ण है।