रायपुर

एनजीओ कुछ फर्ज हमारा भी के गुड सेमेंरिटनों ने सडक़ हादसे में बचाई 4 जानें, होंगे सम्मानित
19-Jun-2025 2:12 PM
एनजीओ कुछ फर्ज हमारा भी के गुड सेमेंरिटनों ने सडक़ हादसे में बचाई 4 जानें, होंगे सम्मानित

रजत ने मनोबल बढ़ाते बहुत मदद की-एआईजी ट्रैफिक

रायपुर, 19 जून। एआईजी ट्रैफिक विभाग और अंतरविभागीय लीड एजेंसी (सडक़ सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि एक गर्भवती महिला ,एक पुरुष उसका पति और उनकी 2 साल की बच्ची ।आज शाम नया रायपुर सेक्टर-2 मे बाइक और कार की गंभीर टक्कर हुई और बाइक सवार पति ,गर्भवती पत्नी और दो साल की बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए !जिनकी बाइक से कार के साथ भिड़त हुई कार स्पीड मे थी कार को कार मालिक का ड्राइवर चला रहा था मालिक बगल मे बैठा था ।

श्री शर्मा ने बताया कि एनजीओ कुछ फज़ऱ् हमारा भी के साथी स्मारिका राजपूत, नितिन सिंह राजपूत और साथी पूनम जुमनानी, तनूजा लालवानी ,तनिष्क राजपूत आज नवा रायपुर किसी काम से गए थे। उसी दौरान यह हादसा उनकी आँखों के सामने हुआ। घायल अवस्था में बच्ची की साँसें पूरी तरह बंद थीं। स्मारिका राजपूत ने बिना देर किए मुँह से साँस (रेस्क्यू ब्रीथ) देकर बच्ची को जीवनदान दिया। इसके बाद नितिन सिंह राजपूत, पूनम जुमनानी, स्मारिका राजपूत , तनुजा लालवानी ने बच्ची को लेकर तुरंत पास के सत्य साईं हॉस्पिटल पहुंचे।

श्री शर्मा ने बताया कि वहाँ की टीम ने त्वरित प्राथमिक जाँच और आवश्यक मदद प्रदान की, जिससे बच्ची की स्थिति कुछ स्थिर हुई। फिर अस्पताल की सहमति और सहायता से उसे तत्काल हॉस्पिटल रेफर किया गया। वहीं, माता-पिता को अस्पताल पहुँचाने में तनूजा लालवानी, और स्थानीय युवाओं ने सराहनीय सहयोग दिया जिसे प्रारम्भ मे सत्य साईं हॉस्पिटल लाया गया।  माँ बार-बार बेहोश हो रही थीं और पिता अत्यधिक रक्तस्राव से पीडि़त थे दोनों पैर टूट चुके थे सर फुट गया था।

 

श्री शर्मा ने बताया कि यदि कुछ मिनट की भी देरी होती, तो बच्ची की जान बचाना असंभव था यदि उसे सांस स्मारिका ने ना दी होती। कई वाहन चालकों को रोक कर मदद मांगी लेकिन कोई भी कार नहीं रोक रहा था। रिम्स मे अब इनका इलाज चल रहा है परिजनों का नंबर भी जुगाड़ कर उन्हें हॉस्पिटल बुलाया कार वाले को बाकि युवकों के साथ रोककर पुलिस को पूरी जानकारी दी ड्राइवर की गिरफ्तारी कर, थाने में वाहन जब्त कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

श्री शर्मा ने बताया कि रजत अग्रवाल लगातार फ़ोन के माध्यम से समन्वय करते रहे और एआईजी ट्रैफिक संजय शर्मा सहायता करने वाले नेक व्यक्तियों , अस्पताल ,थाने से लगातार संपर्क कर मनोबल बढ़ाते, साथ देते रहे।  इन्होंने सिर्फ एक परिवार नहीं, चार जिंदगियाँ और इंसानियत को बचाया।


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