रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 मई। प्रदेश का एक मात्र इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय वित्तीय संकट से गुजर रहा है।? विश्वविद्यालय के पास वेतन भत्ते और पेंशन भुगतान के लिए फंड नहीं है।कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों में कार्यरत वैज्ञानिकों एवं अन्य कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन में समस्या आ रही है। इसी प्रकार विश्वविद्यालय अपने अधीन संचालित महाविद्यालयों से सेवानिवृत्त होने वाले प्राध्यापकों एवं अन्य कमर्चारियों को पेंशन भी नहीं दे पा रहा है। यही वजह है कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शिक्षण, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है।
कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कल सीएम विष्णु देव साय स भेंट कर इस बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही डॉ. चंदेल ने मुख्यमंत्री श साय को विश्वविद्यालय में 6 से 8 जून, तक आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव के शुभारंभ समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित भी किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इन समस्याओं के निराकरण हेतु सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए हर संभव मदद दिये जाने का आश्वासन दिया।
इस संबंध में विश्वविद्यालय सूत्रों ने बताया कि राज्य शासन से मिलने वाले अनुदान की किस्त न मिलने से कठिनाई हो रही है। पहली किस्त के रूप में 50 करोड़ रूपए मिलने हैं। राशि का चेक संचालक कृषि के यहां लंबित है। अगले कुछ दिनों में जारी कर दिए जाने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालय पर पेंशन मद में भी दबाव बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष करीब 45 करोड़ रूपए तक की पेंशन देनदारी का आंकलन है जो 2030 तक बढक़र 90 करोड़ तक पहुंच सकता है। विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना काल से ही न तो पेंशन फंड बनाया, न कर्मचारियों-अधिकारियों से इस फंड में कटौती ही की। इस वजह से पूरी राशि विश्वविद्यालय के बजट से ही देनी पड़ती है। विश्वविद्यालय का बजट करीब 300 करोड़ का होता है। इसमें केन्द्र और राज्य के अनुदान भी शामिल है। राज्य सरकार से 200 करोड़ रूपए की मदद बजट में मिलती है जो तीन से चार किस्तों में दी जाती है। जबकि केन्द्र सरकार अपनी योजनाओं का फंड नियमित रूप से जारी करता है। वहीं छात्रों से ली जाने वाली फीस के रूप में 16 से 17 करोड़ ही मिलते हैं। जिससे पेंशन की पूर्ति नहीं हो पाती। विश्वविद्यालय के पास कोई आर्थिक सोर्स न होने के कारण पेंशन मद में दबाव बढ़ता जा रहा है। मई का महीना खत्म हो चुका है लेकिन विवि कर्मियों को अप्रैल का वेतन अब तक अप्राप्त है।