रायपुर

मास्टर प्लान ही नहीं नगर निवेश विभाग में यह खेल भी चल रहा!
21-May-2025 10:29 PM
मास्टर प्लान ही नहीं नगर निवेश विभाग में यह खेल भी चल रहा!

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 21 मई। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में पदोन्नति को लेकर पीएससी पास आउट और नॉन पीएससी अधिकारी कर्मचारियों के बीच पक्षपात का खेल चल रहा है। इससे विभाग के तीनों  शाखाओं योजना, शोध और सर्वे में छत्तीसगढ़ मूल के लोगों के हमेशा के लिए वंचित कर दिए जाने जैसी स्थिति बन आई है।

 मिली जानकारी के अनुसार विभाग में सर्वे शाखा जिसमे  सिविल इंजीनियर काम कर रहे हैं  एवं अन्य जिलो में सहायक संचालक के पद में सेवाए दे रहे है। प्रदेश के स्थानीय निवासी है जो मुख्यत: पिछड़े वर्ग,अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातीय वर्ग से है उनके साथ पदोन्नति  के मामले में रहे पक्षपात का मामला सामने आया है।

राज्य में प्लानिंग (योजना ) का कोई भी कोर्स 2019 तक संचालित नहीं था जिससे यहां के बहुत कम मूल निवासियों के पास इस कोर्स में डिग्री है ।इससे हुआ ये कि पीएससी के जरिए दूसरे राज्यो के डिग्रीधारियो को विभाग में योजना शाखा में नौकरी मिल गई और अब ये दूसरे राज्यो से आए अधिकारी यहा मंत्रालय संचालनालय में बैठ राज्य के स्थानीय निवासियों के लिए रोड़े अटका रहे हैं ।

हालत तो अब ये है कि योजना शाखा के जूनियर अधिकारियों (2020 बैच ) ने सर्वे सेक्शन के लिए पद बढ़ाने की फाइल रोकी बल्कि उल्टे अपने 10 पद और बढ़ा के प्रमोशन की फाइल बढ़वा ली। इससे वो सीनियर बन जाए और सर्वे के अधिकारियों (2015-2017 बैच )को जिस पद में पीएससी जैसा एग्जाम क्वालीफाई कर के आए उसी पद में रिटायर होना पड़े ऐसे परिस्थिति बना दी। जब सर्वे संवर्ग के अधिकारियों ने पद बढ़ाने आवेदन दिया तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की और जब अपनी विभाग की अनसुनी देख हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की तो कोर्ट का जवाब ना दे कर विभाग योजना के पदो में प्रमोशन की फाइल बढ़ाने में लगा गया ।

राज्य स्थापना के पश्चात भी स्थानीय निवासी के लिए आरक्षित विभिन्न पदो पर भी भर्ती प्रक्रिया को पूरी नहीं की गई है। इससे पदों पर बैकलॉग की स्थिति बनी हुई है । बढ़े हुए 10 पद व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग में लाए गए है  उन 10 पदों पर पदोन्नति के पात्र केवल 7  लोग हैं । शेष पद रिक्त रहेंगे। दूसरी ओर  सर्वे  में पदोन्नति के पात्र 10 अधिकारियों के आवेदन लटका दिया  गया है ।

किसी भी शहर का मास्टर प्लान उस शहर की नीव होता है इतने महत्वपूर्ण कार्य करने वाले विभाग में राज्य के मूल निवासियो को आगे ना बढऩे देना और बाहर राज्यो से नियुक्त हो कर आए अधिकारी जिनकी पृष्ट भूमि ही अलग है जो ना यहां की टोपोग्राफी को जानते हैं  ना वास्तविकता को। ये केवल बिल्डर डेवलपर के कहने पर मास्टर प्लान बनाकर शहरी क्षेत्र को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। पिछली सरकार ने जो विवादस्पद मास्टर प्लान बनाया था यह इन्हीं की देन रही है। इनमें से कई जांच का सामना कर रहे हैं।


अन्य पोस्ट