रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 मई। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) के छत्तीसगढ़ चैप्टर ने प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की है।
एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता और महासचिव अतुल सिंघानिया ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ में निजी क्षेत्र में अस्पताल और नर्सिंग होम मिलाकर 900 से ज्यादा स्वास्थ्य प्रदाता संस्थाएं संचालित हैं। वर्तमान नीतियों के अनुसार इन्हें कमर्शियल (व्यावसायिक)श्रेणी में अपेक्षाकृत बहुत महंगी दरों पर बैंकिंग और अन्य सेवाएं प्राप्त होती हैं, जबकि स्वास्थ्य का क्षेत्र अति आवश्यक सेवाओं में माना जाता है।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। शासन की मंशा अनुसार उद्योग का दर्जा मिलने पर पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इसी प्रकार स्वास्थ्य प्रदाता सेवाओं को उद्योग का दर्जा मिलने से छत्तीसगढ़ में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और सेवाओं की लागत में आवश्यक कमी आ जाएगी। छोटे और मध्यम आकार के अस्पतालों का फैलाव बढ़ेगा और सुदूर अंचलों में बढ़ावा मिलेगा।
पत्र में आगे कहा कि हाल ही में राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में संशोधन करते हुए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर)को 1.5 से बढ़ाकर 3.0 किया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा मिलने से और अस्पतालों को भी एफएआर में वृद्धि करने से अस्पतालों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा एवं बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। युवा चिकित्सकों को सुदूर पहुंचविहीन इलाकों में अस्पताल निर्माण के लिए प्रोत्साहन देने की जरूरत है।