रायपुर

वर्तमान को ही स्कूल आफ इकोनामिक्स, लॉ जैसा बनाने कहा साय ने
कम दर्ज संख्या वाले कॉलेज में एडमिशन बढ़ाने गांवों में जागरूकता अभियान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 अप्रैल। उच्च शिक्षा विभाग की कल हुई समीक्षा बैठक में सीएम और विभाग के प्रभारी विष्णु देव साय ने साफ कर दिया कि अब प्रदेश में नए कॉलेज नहीं खोले जाएं। सीएम का कहना था कि चाहे सांसद, विधायक कोई भी कहे नए कॉलेज नहीं खुलेंगे। बच्चे रहते नहीं और नए खोलना वेस्ट आफ मनी है। इसीलिए हमने 2025-26 के बजट में भी एक भी नया कॉलेज मंजूर नहीं किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान कॉलेजों को ही स्कूल आफ इकोनामिक्स, स्कूल आफ लॉ जैसे नामचीन संस्थान जैसा बनाया जाए। साथ ही मैक लिस्ट में टॉप 100 में लाने भी प्रयास करें। सीएम ने कम दर्ज संख्या वाले कॉलेज में एडमिशन बढ़ाने आसपास के गांवों में जागरूकता प्रचार अभियान शुरू करने कहा। बैठक में उन्हें बताया गया कि प्रदेश में 335 शासकीय कॉलेज हैं जिनमें एडमिशन का औसत 27.5 और राष्ट्रीय 28फीसदी है। इसे 2035 तक बढ़ाकर 35त्न करना है। इसी तरह से बालक बालिकाओं में से प्रदेश में छात्राओं की संख्या अधिक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देशित किया कि कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ जैसे जिलों में, जहां पर्याप्त डीएमएफ (जिला खनिज निधि) की राशि उपलब्ध है, वहां कुछ महाविद्यालयों को चिन्हित कर, विषय विशेष के राष्ट्रीय स्तर के मॉडल महाविद्यालयों के रूप में विकसित किया जाए। इसी क्रम में उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ को और अधिक उन्नत बनाने विशेष रणनीति और प्रयास किए जाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. भारतीदासन ने बताया कि प्रधानमंत्री उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को मेरु योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि शिक्षा सत्र 2024-25 से प्रदेश के 7 शासकीय, 17 निजी विवि 335 शासकीय और 321 निजी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। सचिव डॉ. दासन ने रुसा 1.0 और 2.0 के तहत हुए कार्यों की प्रगति, प्राध्यापकों की विभागीय पदोन्नति, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं द्वारा विभिन्न पदों पर भर्तियों की स्थिति तथा आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में भी अवगत कराया। इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बीते डेढ़ वर्षों में बतौर विभागीय मंत्री, साय ने पहली बार यह बैठक ली।