रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 अप्रैल। प्रधानमंत्री कार्यालय में भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजा घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के भेजे पत्र पर संज्ञान लिया है। यह जानकारी देते हुए डॉ. महंत ने बताया कि मुझे पीएमओ से पत्र मिला है। इस पर मेरा यह कहना है कि उम्मीद है कि केन्द्र सीबीआई जांच पर निर्णय लेगा। महंत ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार की घोषणा के बाद भी ईओडब्ल्यू ने जुर्म दर्ज नहीं किया है। हमारी मांग है कि जिसने गड़बड़ी की है उसके खिलाफ जांच हो। इससे पहले अपने पत्र में महंत ने लिखा था कि भारत सरकार को 43 करोड़ 18 लाख 27 हजार 627 रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। उन्होंने दावा किया कि असल मुआवजा राशि 7 करोड़ 65 लाख रुपए थी, लेकिन 49 करोड़ 39 लाख रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिसूचना जारी होने के बाद फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए नामांतरण और खातों का विभाजन किया गया। इसके बाद मुआवजे की राशि कई गुना बढ़ा दी गई।राजस्व मंत्री ने विधानसभा में माना था कि जांच में गड़बडिय़ों की पुष्टि हुई है और प्रारंभिक रिपोर्ट में आर्थिक क्षति की बात सामने आई है। पहले कमिश्नर जांच और फिर ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा हुई, लेकिन डॉ. महंत ने राज्य एजेंसी की जांच पर आपत्ति जताते हुए इसे असंवैधानिक और पक्षपातपूर्ण बताया।उन्होंने यह भी कहा कि राज्य एजेंसी की जांच अदालत में सक्षमता के आधार पर खारिज की जा सकती है, जिससे आरोपी बच सकते हैं। इसलिए उन्होंने पूरी परियोजना के अंतर्गत किए गए सभी भूमि अधिग्रहण मामलों की सीबीआई जांच की मांग की है।