रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 अप्रैल। एम्स में नर्सिंग आफिसर को पदों पर नियुक्ति के लिए हुई भर्ती परीक्षा पूरी अव्यवस्था ये बीच 2 घंटे देर से शुरू हुई। इसे लेकर अभ्यर्थियों और पालकों ने जमकर नाराजगी जताई। व्यवस्था बनाने के लिए न एम्स न ही परीक्षा लेने वाली संस्था के जिम्मेदार भी नदारद रहे।
मिली जानकारी के अनुसार एम्स के देश भर स्थित अस्पतालों में नर्सिंग आफिसर के 600 से अधिक पदों पर भर्ती होनी है ।इसके लिए एम्स ने नारसेट नामक शासकीय एजेंसी को अधिकृत किया था। और नारसेट ने देशभर में सेंटर में आज आनलाइन परीक्षा तय की थी। इसके तहत रायपुर में कलिंगा विवि और भिलाई में भी 4 सेंटर बनाए गए थे। नारसेट ने उन शिक्षण संस्थानों का चयन किया था। जहां सौ-दो सौ से अधिक कंप्यूटरों के सेटअप का लैब हो। इसके तहत कलिंगा को भी सेंटर बनाया गया था ।और तय टाइम टेबल के अनुसार राजधानी समेत दूर दराज के सैकड़ो नर्सिंग छात्र, छात्राएं परीक्षा देने सुबह 8 बजे कलिंगा विवि पहुंचीं। एग्जाम या समय 9.30-11 बजे तक निर्धारित था। लेकिन परीक्षा समय पर शुरू नहीं हो सकी। और कब होगी यह बताने एम्स या फिर नारसेट का भी कोई अधिकारी,कर्मचारी परीक्षा पर्यवेक्षक, सेंटर प्रभारी कोई भी मौजूद नहीं था। और सेंटर प्रबंधन भी इसमें असहाय था। इसके चलते तेज धूप में सैकड़ों बच्चे और अभिभावक गेट के बाहर खड़े रहे और आक्रोश जताते रहे।उनका कहना था कि भर्ती परीक्षा शुल्क के रूप में 3000 रूपए लिए गए थे।लेकिन माकूल व्यवस्था नहीं की गई । पांच मिनट देर से पहुंचने पर तो आयोजक परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं देते,ऐसे में आज के लिए भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। बच्चे न जाने कितने दूर दराज से समय पर पहुंचने के लिए बिना खाए पिए परीक्षा देने पहुंचे हों।
इस तरह से करीब दो घंटे बाद 11.06 बजे परीक्षा शुरू हो पाई। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह देरी देश भर में हुई या केवल रायपुर में। इस संबंध में कलिंगा विवि के प्रमुख डॉ राजीव कुमार ने बताया कि इस एग्जाम के आयोजन में विवि की कोई भूमिका नहीं है। विवि ने अपना कंप्यूटर लैब रेंटल बेस पर उपलब्ध कराया था। सारी व्यवस्था परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी (नारसेट)को करना था। देरी के पीछे कारण वे भी बता पाएंगे।