रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अप्रैल। राज्य सरकार कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि में नए कुलपति की नियुक्ति से पहले नियुक्ति संबंधी अधिनियम में संशोधन करने जा रही है।
जुलाई में नया सत्र शुरू होने से पहले पूर्णकालिक कुलपति की नियुक्ति के लिए यह संशोधन किया जा रहा है । एक तरह से पिछली बघेल सरकार के एक और फैसले को साय सरकार बदलने जा रही है।
बलदेव शर्मा का कार्यकाल खत्म होने के बाद से रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे 1मार्च से प्रभारी कुलपति नियुक्त हैं।
सूत्रों ने बताया कि बघेल सरकार ने भी ठाकरे विवि में कुलपति नियुक्ति के लिए रमन सिंह सरकार के 15 वर्षों तक लागू नियम में 2019 में बदलाव किया था। इसके तहत बघेल ने कुलपति के लिए आवश्यक योग्यता में पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्ष से अधिक अनुभवी प्रोफेशनल को भी शामिल किया था। उससे पहले मूल एक्ट में प्रोफेसर के रूप में कार्य अनुभव आवश्यक बताया गया था। बघेल सरकार के इस संशोधन के बाद बलदेव शर्मा पहले प्रोफेशनल पत्रकार कुलपति नियुक्त किए गए थे। और अब साय सरकार पुराने मूल नियम को पुन: लागू करने जा रही है। सीएम विष्णु देव साय स्वयं उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी मंत्री भी हैं। इस संशोधन की तैयारी को देखते हुए ही कुलाधिपति कार्यालय ने ठाकरे विवि के नए कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरू नहीं की है। 2019 के पहले की तरह प्रोफेसरों की नियुक्ति संबंधी संशोधन करने अध्यादेश लाने की तैयारी की जा रही है। और फिर मानसून सत्र में संशोधन विधेयक पारित कर नियमित कानून बना लिया जाएगा।यह संशोधन जुलाई में नए सत्र से पहले कर नए कुलपति की नियुक्ति कर ली जाएगी।
मप्र में पत्रकार की नियुक्ति विवादों में
उधर मप्र की मोहन यादव सरकार ने भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि में प्रोफेशनल पत्रकार विजय मनोहर तिवारी की नियुक्ति की है। इस नियुक्ति पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है । वहां भी सेवारत अनुभवी की नियुक्ति को चुनौती दी गई है ।