रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 अप्रैल। डिप्टी सीएम गृह विजय शर्मा ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए एक समग्र और प्रभावी छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/ पीडि़त राहत पुनर्वास नीति-2025 लागू की है। इसके तहत ऐसे नक्सलियों को एक सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन की ओर बढऩे का अवसर भी दिया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि सरकार केवल इनके पुनर्वास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके परिवारों के कल्याण पर भी विशेष ध्यान दे रही है। समर्पित नक्सलियों के बच्चों को शिक्षा से जोडऩे छात्रवृत्ति योजनाओं और विशेष विद्यालयों की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सुविधाओं को भी इन परिवारों तक पहुँचाने के लिए विशेष प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहाँ मुफ्त चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकारी नौकरियों, सहकारी समितियों और अन्य रोजगार योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे पुन: अपराध या नक्सल गतिविधियों की ओर न मुड़ें। पुनर्वासित व्यक्तियों को उनकी योग्यता और क्षमता के अनुसार विभिन्न सरकारी विभागों में कार्य करने का अवसर दिया जा रहा है। इसके अलावा, उन्हें खेती, पशुपालन, हस्तशिल्प और अन्य स्वरोजगार योजनाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे अपनी आजीविका खुद सुनिश्चित कर सकें।